अमेरिका में भारतवंशी न्यायाधीश ने डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े मामले में की सुनवाई, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

अमेरिका में भारतवंशी न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े मामले में संघीय अदालत में प्रारंभिक सुनवाई की। ट्रंप अदालत में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अमेरिका में भारतवंशी न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय
अमेरिका में भारतवंशी न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय


वाशिंगटन: अमेरिका में भारतवंशी न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े मामले में संघीय अदालत में प्रारंभिक सुनवाई की। ट्रंप अदालत में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं।

अगले साल राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी हासिल करने के लिए अपनी दावेदारी जता रहे ट्रंप बृहस्पतिवार को यहां की एक संघीय अदालत में पेश हुए। उन्होंने भारतीय मूल की अमेरिकी न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मोक्सिला उपाध्याय की अदालत में ‘जुर्म स्वीकार नहीं करने संबंधी याचिका दाखिल की है।

उपाध्याय वाशिंगटन में ई बैरेट प्रिटीमैन फेडरल कोर्टहाउस में छह जनवरी 2021 की हिंसा से जुड़े मामले के कई प्रतिवादियों के मुकदमे की सुनवाई कर रही हैं।

यह भी पढ़ें | डोनाल्ड ट्रंप ने जताई तृतीय विश्व युद्ध और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंका, जानिये क्या कहा

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उपाध्याय को सात सितंबर, 2022 को मजिस्ट्रेट जज के रूप में नियुक्त किया गया था। गुजरात में जन्मीं और कंसास सिटी, मिसौरी के पास पली-बढ़ीं, उपाध्याय ने मिसौरी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म और मिसौरी विश्वविद्यालय से लैटिन में ऑनर्स के साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की।

उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन कॉलेज ऑफ लॉ से जूरिश डॉक्टर (जेडी) की डिग्री प्राप्त की। लॉ स्कूल से स्नातक होने के बाद उपाध्याय ने डीसी कोर्ट ऑफ अपील्स के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एरिक टी वाशिंगटन की कानून क्लर्क के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा किया।

इसके बाद वह वेनेबल एलएलपी के वाशिंगटन, डीसी कार्यालय में शामिल हो गईं, जहां उन्होंने जटिल वाणिज्यिक और प्रशासनिक वाद में ख्याति अर्जित की।

यह भी पढ़ें | America: चुनाव परिणाम पलटने के आरोप में कोर्ट में पेश हुए ट्रंप, खुद को बताया निर्दोष

जज विल्किंस के साथ अपनी क्लर्कशिप के बाद उपाध्याय वेनेबल में फिर से शामिल हो गईं और बेंच में अपनी नियुक्ति तक वकालत जारी रखी।

बाद में, मिड-अटलांटिक इनोसेंस प्रोजेक्ट ने जज उपाध्याय को 2009 में ‘डिफेंडर ऑफ इनोसेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया और वेनेबल ने उन्हें 2006 में ‘प्रो बोनो लॉयर ऑफ द ईयर’ नामित किया।

2021-22 से, न्यायाधीश उपाध्याय को इस अदालत की शिकायत समिति में सेवा देने के लिए नियुक्त किया गया था। वह डीसी बार लिटिगेशन सेक्शन स्टीयरिंग कमेटी की पूर्व सह-अध्यक्ष हैं और उन्होंने डीसी एक्सेस टू जस्टिस फाउंडेशन और काउंसिल फॉर कोर्ट एक्सीलेंस के निदेशक मंडल में काम किया है। वह अमेरिकन बार फाउंडेशन की फेलो भी हैं।










संबंधित समाचार