भारत-अमेरिका संबंधों के ऐतिहासिक दौर में भारत लौटना सम्मान की बात

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना परिचय पत्र सौंपने के बाद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब दोनों पक्ष समसामयिक मुद्दों को परिभाषित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं तो उनका ध्यान द्विपक्षीय संबंधों को ‘नई ऊंचाइयों’ तक पहुंचाने पर होगा ।

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी (फाइल फोटो)
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना परिचय पत्र सौंपने के बाद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब दोनों पक्ष समसामयिक मुद्दों को परिभाषित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं तो उनका ध्यान द्विपक्षीय संबंधों को ‘नई ऊंचाइयों’ तक पहुंचाने पर होगा ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जनवरी 2021 में तत्कालीन राजदूत केनेथ जस्टर के इस्तीफा देने के बाद से भारत में अमेरिकी राजदूत का पद खाली था।

गार्सेटी ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत करना सम्मान की बात है तथा अमेरिका-भारत संबंधों के ऐतिहासिक दौर और उत्साहवर्द्धक समय में भारत लौटना और भी ज्यादा सम्मान की बात है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए भारत के लोगों के साथ मिलकर काम करने को आशान्वित हूं।’’

अमेरिकी राजदूत ने एक ट्वीट में कहा कि वे अमेरिका-भारत संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में काम करने को लेकर उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिका के साथ करीबी और फलदायक गठजोड़ के लिए भारत सरकार को धन्यवाद। मैं ऐसे समय में अमेरिका भारत संबंधों को गहरा बनाने को लेकर उत्साहित हूं जब हम अपने समय के ज्वलंत मुद्दों पर साथ काम कर रहे हैं।’’

अमेरिकी दूतावास ने कहा कि गार्सेटी अपने पहले आधिकारिक दौरे में अहमदाबाद और मुम्बई जायेंगे।

गार्सेटी ने राष्ट्रपति को अपना परिचय पत्र उस समय पेश किया है जब एक दिन पहले ही व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक यात्रा पर उनकी मेजबानी करेंगे जिसमें 22 जून को उनके (मोदी) सम्मान में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया जायेगा।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जीन-पियरे ने बताया की राष्ट्रपति 22 जून को प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहरी और घनिष्ठ साझेदारी को और भी मजबूत करेगी।

बयान में कहा गया, ‘‘ आगामी यात्रा अमेरिका तथा भारत के बीच गहरी एवं नजदीकी साझेदारी को और बढ़ाएगी । साथ ही अमेरिकियों और भारतीयों को जोड़ने वाले गर्मजोशी भरे संबंधों को भी मजबूत करेगी।’’

इस वर्ष मार्च में अमेरिकी सीनेट ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि करते हुए करीब दो साल से खाली पड़े प्रमुख राजनयिक पद को भरने की राह साफ कर दी थी। सीनेट ने 42 के मुकाबले 52 मतों से एरिक गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि की। इससे पहले सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों की समिति ने गार्सेटी के नामांकन को आठ के मुकाबले 13 मतों से मंजूरी दी थी।

गार्सेटी (52) लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था। गार्सेटी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का करीबी माना जाता है।

राष्ट्रपति के रूप में बाइडन के कार्यकाल के शुरुआती दो वर्ष में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था ।

कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे।

बाइडन ने इस साल जनवरी में गार्सेटी को दोबारा इस पद के लिए नामित किया था।










संबंधित समाचार