Post Office: आज से 251 साल पहले शुरू हुआ भारतीय डाक, देश की कई घटनाओं में निभाई अहम भूमिका
भारतीय डाक को आज 251 साल हो गए हैं। इतने सालों में भारतीय डाक ने काफी घटनाओं में अहम जिम्मेदारी निभाई है। हालांकि, आज जी-मेल ने डाक को पीछे कर दिया है। लेकिन उसके बावजूद भी इतिहास के पन्नों पर भारतीय डाक को कोई भूल नहीं पाएगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

नई दिल्ली: आज भारतीय डाक (इंडिया पोस्ट) के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज से 251 साल पहले 31 मार्च 1774 को भारत के पहले डाकघर (GPO) की स्थापना हुई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस ऐतिहासिक दिन ने भारतीय डाक को उस दिशा में अग्रसर किया, जहां आज यह न केवल डाक सेवाएं प्रदान करता है बल्कि बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करता है।
भारतीय डाक का इतिहास
भारतीय डाक की शुरुआत 1766 में हुई थी। जब रॉबर्ट क्लाइव ने एक नियमित डाक प्रणाली की स्थापना की थी। इसके बाद 1774 में वॉरेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहले डाकघर की स्थापना की। वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल प्रेसिडेंसी के पहले गवर्नर जनरल थे और उन्होंने भारत में डाक सेवाओं के ढांचे को व्यवस्थित किया। इसके बाद भारत में डाक सेवाएं तेजी से फैलने लगीं। देश का दूसरा डाकघर 1 जून 1786 को मद्रास (अब चेन्नई) में और तीसरा 1794 में बॉम्बे (अब मुंबई) में खुला था। भारतीय डाक का यह सफर लगातार जारी रहा और धीरे-धीरे भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा बन गया।
डाक सेवाओं का विकास
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हालांकि, डाक सेवाओं की शुरुआत अंग्रेजों के समय में हुई लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में डाक सेवाओं का एक लंबा इतिहास है। 1296 में अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में डाक सेवा की शुरुआत हुई थी। शेरशाह सूरी ने 1541 में बंगाल और सिंध के बीच घोड़ा डाक सेवा शुरू की। 1672 में मैसूर साम्राज्य के महाराजा चिक्का देवराज वोडेयार ने भी डाक सेवाओं को व्यवस्थित किया। जिसे बाद में ब्रिटिश शासन ने सुधारकर और व्यवस्थित किया।
प्रमुख घटनाएं
पोस्ट कार्ड की शुरुआत (1879): भारतीय डाक के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ 1879 में आया। जब पोस्ट कार्ड की शुरुआत हुई। इसके साथ ही डाक सेवाओं को एक नई दिशा मिली।
स्पीड पोस्ट की शुरुआत (1986): 1 अगस्त 1986 को भारतीय डाक ने स्पीड पोस्ट सेवा की शुरुआत की। जो आज भी देश-विदेश में सबसे तेज़ डाक सेवा के रूप में जानी जाती है।
बैंकिंग सेवाओं की शुरुआत: भारतीय डाक ने 1882 में बैंकिंग सेवाएं शुरू की थीं और अब यह सेवा भारत में लाखों नागरिकों के लिए एक विकल्प बन चुकी है।
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भारतीय डाक के बैंकिंग सेवाएं
आज के समय में भारतीय डाक बैंकिंग सेवाओं के लिए एक प्रमुख नाम बन चुका है। पोस्ट ऑफिस में बचत खाता, रिकरिंग डिपोजिट (RD), टाइम डिपोजिट (TD), किसान विकास पत्र (KVP) जैसी योजनाएँ उपलब्ध हैं। इन योजनाओं पर ब्याज दरें कई बैंकों से अधिक हैं और इसके चलते बहुत से लोग पोस्ट ऑफिस को अपनी बचत के लिए प्राथमिक विकल्प मानते हैं।
भारतीय डाक की सफलता
आज भारतीय डाक न केवल डाक सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि देशभर में अपनी शाखाओं के माध्यम से वित्तीय सेवाएं भी देता है। इसके पास भारत के दूर-दराज इलाकों तक पहुंच है, जो इसे अन्य बैंकों से अलग बनाती है। इसके अलावा 2006 में ePayment सेवाओं की शुरुआत ने इसे और भी आधुनिक बना दिया है।