केरल हाईकोर्ट ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अंतरिम कुलपति को पद पर बने रहने की दी अनुमति

डीएन ब्यूरो

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने ए पी जे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अंतरिम कुलपति को पद पर बने रहने की अनुमति दी है, इसलिए उन्हें उच्चतम न्यायालय का रुख करने की कोई जरूरत नहीं है।

केरल उच्च न्यायालय ने ए पी जे अब्दुल कलाम को पद पर बने रहने की अनुमति दी
केरल उच्च न्यायालय ने ए पी जे अब्दुल कलाम को पद पर बने रहने की अनुमति दी


नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने ए पी जे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अंतरिम कुलपति को पद पर बने रहने की अनुमति दी है, इसलिए उन्हें उच्चतम न्यायालय का रुख करने की कोई जरूरत नहीं है।

खान ने राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से कहा कि केरल उच्च न्यायालय या किसी भी अदालत के किसी भी फैसले को अक्षरशः लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कुलपति को पद पर बने रहने की अनुमति दी गई है। कोई समस्या नहीं है। इसलिए मुझे उच्चतम न्यायालय में जाने की क्या आवश्यकता है? मुझे नहीं लगता कि उच्च न्यायालय नियमित नियुक्ति (कुलपति की) के बारे में कुछ कहता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नियमित नियुक्तियां पूरी तरह से अलग होती हैं। जहां तक मुझे पता है, उच्च न्यायालय ने नियमित नियुक्तियों के बारे में कुछ नहीं कहा है। अगर अदालत ने नियमित नियुक्ति के बारे में कुछ नहीं कहा है, तो जो चीजें मौजूद हैं, वे लागू होती हैं।’’

पत्रकारों द्वारा राज्य सरकार के शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर करने के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य कुछ भी कर सकता है, आप उनसे पूछें।’’ साथ ही खान ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर किसी से कानूनी राय नहीं मांगी है।

राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन के लिए राज्यपाल को तीन नामों का एक पैनल भेजने संबंधी खबरों के बीच खान की यह टिप्पणी आई है।

उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को ए पी जे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति देते हुए कहा था कि कुलाधिपति द्वारा पद पर सीजा थॉमस की नियुक्ति अस्थायी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि नियुक्ति अस्थायी प्रकृति की थी और विशेष परिस्थितियों में की गई।

 










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