

ऑस्कर अकादमी में हाल ही में उम्मीदवार के चयन को लेकर बड़ा विवाद सामना आया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: हाल ही में डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म ‘नो अदर लैंड’ ने 97वां ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम किया था। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की लॉस एंजेलिस में काफी चर्चा रही। इसके बाद फिल्म के सह-निर्देशक हमदान बलाल पर वेस्ट बैंक में बसने वाले यहूदियों ने हमला किया और इजरायली सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि अब उन्हें रिहा कर दिया गया है। रिहा होने के बाद बल्लाल ने बताया कि वो लोग उन पर खास तरीके से हमला कर रहे थे।
इस घटना के बाद एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज (एएमपीएएस) ने बीते बुधवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की, लेकिन उन्होंने हमदान बल्लाल का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। इस वजह से इस पर जांच शुरू हो गई थी। इस बयान के बाद अकादमी के लगभग 600 सदस्यों ने इसकी कड़ी निंदा की।
पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में मार्क रफालो, जेवियर बार्डेम, ओलिविया कोलमैन, जोआक्विन फीनिक्स, एम्मा थॉम्पसन, पेनेलोप क्रूज और रिचर्ड गेरे शामिल रहे। इसके अलावा पत्रकार और ‘नो अदर लैंड’ के सह-निर्देशक युवल अब्राहम ने भी अकादमी की इस प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह हमदान के हमले पर चुप्पी है। सदस्यों द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया कि बल्लाल को निशाना बनाना सिर्फ उनके ऊपर हमला नहीं है, बल्कि उन सभी पर हमला है, जो सच बताने की कोशिश करता है।
अकादमी ने शुक्रवार को कहा कि वह बल्लाल और सभी कलाकारों से माफी मांगते हैं, जिन्हें उनके पिछल बयानों से समर्थन नहीं मिला। अकादमी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह दुनिया में किसी भी तरह के हिंसा की निंदा करते हैं।
इस माफी के बाद, अकादमी ने यह भी घोषणा की कि वे अपने चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने पर काम करेंगे, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की आलोचना से बचा जा सके। फिल्म इंडस्ट्री में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ ने अकादमी की माफी को स्वीकार किया, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया।