Flood: पंजाब सरकार पर भाजपा नेता का बड़ा आरोप, केंद्र से जारी हुए बाढ़ राहत कोष को लेकर कही ये बात

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और राहत उपायों के लिए केंद्र द्वारा जारी 218 करोड़ रुपये की निधि का उपयोग नहीं करने का उन पर आरोप लगाया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

भाजपा नेता सुनील जाखड़
भाजपा नेता सुनील जाखड़


पटियाला: भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और राहत उपायों के लिए केंद्र द्वारा जारी 218 करोड़ रुपये की निधि का उपयोग नहीं करने का उन पर आरोप लगाया।

जाखड़ पटियाला जिले के सनौर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की बेटी जय इंदर कौर भी थीं।

भाजपा नेता ने यहां डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार से आपदा राहत के लिए पिछले वर्ष के धन के उपयोग प्रमाण पत्र पर विचार किए बगैर पंजाब के लिए 218 करोड़ रुपये जारी किए।

जाखड़ ने कहा कि राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ‘‘घोर लापरवाही’’ और ‘‘अक्षमता’’ के कारण लोगों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बाढ़ की स्थिति को संभालने में विफल रही और सत्तारूढ़ दल के विधायक तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार नालों की सफाई और तटबंधों को मजबूत करने सहित आवश्यक उपाय करने में विफल रही, जिस कारण बाढ़ आई। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हम आप सरकार को उसकी विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे।’’

उन्होंने सवाल किया कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को मुआवजा देने के लिए विशेष गिरदावरी (नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण) कब कराएगी।

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भगवंत मान जी जवाब दें कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई और पंजाब के लोगों को भारी नुकसान क्यों उठाना पड़ा, जिसे टाला जा सकता था।’’

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने आप के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है और इसलिए पंजाब में विपक्ष की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी भाजपा पर है।

पंजाब और हरियाणा के कई जिले हाल में हुई भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और आवासीय और कृषि भूमि के बड़े हिस्से में पानी भर गया है।










संबंधित समाचार