किसानों को बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए

डीएन ब्यूरो

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि किसानों को बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए और प्रगतिशील सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि किसानों को बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए और प्रगतिशील सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि भारत किसानों का देश है और किसानों के खून-पसीने की वजह से ही देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।

उन्होंने नागौर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, 'इजरायल में जो कुछ हो रहा है, हमें उससे आगे जाना चाहिए, कृषि और पशुपालन में दुनिया में जो हो रहा है, उससे आगे जाना चाहिए।'

नागौर में मारवाड़ के गांधी के नाम से विख्यात किसानों के मसीहा बाबा नाथूराम मिर्धा की प्रतिमा के अनावरण समारोह का संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा ’’यदि अगर अभी नहीं सोचेंगे तो सोचने का समय नहीं रहेगा। यह देश मूल रूप से किसानों का देश है यदि अगर हमारी अर्थव्यवस्था का डंका दुनिया में बज रहा है तो यह किसान के खून पसीने की वजह से बज रहा है। किसान बदल रहा है।’’

उन्होंने कहा ‘‘ खेती में जो इजराइल में हो रहा है हम उससे आगे जाना चाहेंगे। दुनिया के किसी भी कौने में खेती विकास में जो कुछ हो रहा है, पशुपालन में जो कुछ हो रहा है हम उससे आगे जायेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को अपराध से दूर रहना चाहिए । गलत काम के खतरनाक गलत इंजाम होते है कानून को हाथ में लेना खुद को बर्बाद करना ही और अपने समाज को भी कलंकित करना है। धनखड़ ने कहा हमारे नवयुवक जो पथभ्रष्ट हो गये हैं.. चाहे नशे की लत हो, चाहे जल्दी पैसा कमाने.. इकठ्ठे होकर किसी को कुछ भी कह देना.. यह बीमारी छोटी नहीं है।

उन्होंने कहा कोई कानून से ऊपर नहीं है.. कानून का शिकंजा देर सवेर आपकी गर्दन तक पहुंचेगा… समय लग सकता है परन्तु कानून का दरवाजा आपको फेस (सामना) करना पडेगा।

उन्होंने कहा ऐसी परिस्थिति में जब हमारे किसान पुत्र प्रतिभावान है, मेहनती है.. कडी मेहनत कर सकते है.. मैं उनको आह्वान करता हूं कृषि, ग्रामीण विकास और सरकारी योजनाओं में भागीदारी म्हारो अधिकार है।

उन्होंने कहा कि हमें कोशिश यह करनी चाहिए कृषि के मामले में, ग्रामीण विकास के मामले में हम देशऔर दुनिया को रास्ता दिखायें। हम चाहेंगे कि हमारे बच्चे इन मामलों में पडे.. प्रगति के रास्ते पर रहे.. सकारात्मक रूप से रहे। समाज कल्याण की सोचे, देश की सोचे और रास्ता नहीं भटके।

उन्होंने कहा कि एक अरब 40 करोड़ को भोजन देने वाली कोम किसान वर्ग यदि भविष्य की नहीं सोचेगा तो कौन सोचेगा।

उन्होंने कहा कि ‘‘नाथूराम मिर्धा अनुसंधान केन्द्र यदि कोई बनेगा तो जितने भाषण उन्होंने संसद में दिये है वो भेजूंगा उनकी अलग से एक पुस्तिका बनाऊंगा ताकि उनके सोच को आपको पता लगे। मिर्धा ने हमेशा अपने समय से आगे सोचा था। ’’ इससे पहले धनखड़ ने अजमेर जिले के पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना की और नागौर के खरनाल में वीर तेजाजी जन्मस्थली का दौरा किया।

धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ हेलीकॉप्टर से पुष्कर पहुंचे, जहां राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, संभागीय आयुक्त और अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

मेला मैदान में हेलीपैड से वे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की।

धनखड़ बाद में नागौर के खरनाल में प्रसिद्ध तेजाजी मंदिर पहुंचे और लोक देवता वीर तेजाजी की पूजा अर्चना की। पुष्कर मंदिर में पुजारियों ने परंपरा के अनुसार धनखड़ और उनकी पत्नी का मंदिर में पूजन कराया। धनखड़ ने देश की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।










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