‘लाइसेंस परमिट व कोटा राज’ की वजह से कांग्रेस को आज सिर्फ उद्योगपतियों की तरक्की दिखाई देती है: दुबे
लोकसभा में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश में उसके 54 साल के शासन में ‘लाइसेंस परमिट और कोटा राज’ रहा और उसके करीबी कुछ औद्योगिक घराने ही व्यवसाय कर पाते थे, इसलिए उसे इस सरकार में भी सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ मिलता नजर आ रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश में उसके 54 साल के शासन में ‘लाइसेंस परमिट और कोटा राज’ रहा और उसके करीबी कुछ औद्योगिक घराने ही व्यवसाय कर पाते थे, इसलिए उसे इस सरकार में भी सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ मिलता नजर आ रहा है।
भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए यह बात कही।
इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ तो रही है, लेकिन अच्छे दिन करीब दस प्रतिशत लोगों के ही आए हैं। यह सरकार आम उपभोक्ताओं के लिए काम नहीं कर पा रही, चंद कंपनियों के लिए काम कर रही है।’’
दुबे ने दावा किया कि आजादी के बाद 1947 से लेकर 1991 तक लगभग 54 साल इस देश में ‘लाइसेंस परमिट और कोटा राज’ रहा। उन्होंने कहा कि इस दौरान चार पहिया वाहन, दुपहिया वाहन या सीमेंट उत्पादन कांग्रेस के करीबी कुछ औद्योगिक घराने ही करते थे और अन्य किसी को लाइसेंस नहीं दिया जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उन्हें (विपक्ष को) इस दौर में भी उद्योगपति नजर आ रहे हैं। कांग्रेस को चुनौती है कि वह बताए कि देश में 5जी, 4जी आवंटन की नीलामी में किस कंपनी को शामिल होने से भारत सरकार रोक रही है? आज अनेक कंपनियां सीमेंट बना रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में सरकार आज जिस तरह का प्रोत्साहन दे रही है, वह उन्हें दिख नहीं रहा। कोई आंख पर पट्टी बांध ले तो क्या कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया कहती है कि कोरोना महामारी के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था तबाह है और अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस तथा जर्मनी जैसे विकसित देशों में भी ऋण दस प्रतिशत की ब्याज पर मिल रहा है।
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दुबे ने दावा किया कि पूरी दुनिया में आज मुद्रास्फीति की दर दस से ज्यादा है जबकि भारत में पांच प्रतिशत के आसपास है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद नहीं देना चाहिए? क्या देश को गौरवान्वित नहीं होना चाहिए?’’
दुबे ने कहा कि विपक्ष के सदस्य पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होने की बात करते हैं, लेकिन क्या उन्हें भारत सरकार के प्रस्ताव के अनुसार इन दोनों चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने पर आम-सहमति नहीं बनानी चाहिए।
भाजपा सदस्य ने कहा कि पेट्रोल, डीजल के जीएसटी के दायरे में आने के बाद भी दाम अधिक हों, तब कहा जा सकता है कि केंद्र के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकारें अपने यहां कर कम करके राहत नहीं देतीं।
उन्होंने कहा कि मोदी पहले और अब तक के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने आपदा प्रबंधन के लिए अपनी सोच रखी और जिन्हें गांव, गरीब तथा किसान की चिंता है।
दुबे ने कांग्रेस सदस्य गोगोई के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड में सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए इस सरकार ने किस देश और किस संस्था से संपर्क नहीं किया?
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उन्होंने पूर्वोत्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में इस सरकार के आने से पहले देश में इस क्षेत्र की क्या स्थिति थी, उसे सब जानते हैं। भाजपा सदस्य ने कहा कि आज पूर्वोत्तर के किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ी है और आज त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश तक ट्रेन जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दुबे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आदिवासियों का वोट लेने के बारे में सोचती है लेकिन उनकी सुविधाओं के बारे में नहीं सोचती।
उन्होंने कहा कि भारत पहला ऐसा देश है जिसने जैविक खाद की दिशा में सोचते हुए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की तकनीक को बढ़ाया और अब किसानों को 50 किलोग्राम खाद का कट्टा नहीं ढोना पड़ेगा और केवल पांच सौ मिलीलीटर तरल उर्वरक से काम हो जाएगा।
दुबे ने कहा कि यह सरकार देश के 80-81 करोड़ लोगों को 2028 तक मुफ्त अनाज इसलिए दे रही है ताकि वे स्वतंत्रता से अपना रोजगार, व्यापार करते रहें और उन्हें अपने भोजन के बारे में नहीं सोचना पड़े और इस तरह वह बचत करके आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार ने पिछले 10 साल में जो किया है, वह ‘न भूतो न भविष्यति’ है।’’