चिकित्सकों को बड़े साइनबोर्ड के जरिए लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए: एनएमसी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने सुझाव दिया है कि किसी चिकित्सक को आम तौर पर बड़े साइनबोर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए तथा उसपर अपने नाम, योग्यता, उपनाम, विशेषज्ञता एवं पंजीकरण क्रमांक के अलावा अन्य कुछ भी नहीं लिखना चाहिए। उसने कहा कि उसकी पर्ची पर भी यही सारे तथ्य होने चाहिए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 October 2023, 4:38 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने सुझाव दिया है कि किसी चिकित्सक को आम तौर पर बड़े साइनबोर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए तथा उसपर अपने नाम, योग्यता, उपनाम, विशेषज्ञता एवं पंजीकरण क्रमांक के अलावा अन्य कुछ भी नहीं लिखना चाहिए। उसने कहा कि उसकी पर्ची पर भी यही सारे तथ्य होने चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एनएमसी के नैतिक एवं चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड ने अपनी ई-पुस्तिका : ‘‘प्रोफेशनल कंडक्ट रिव्यू-लेसन्स फ्रॉम केस आर्काइव्स’’ में कहा है कि किसी दवा दुकान पर या जहां चिकित्सक नहीं रहता है अथवा काम नहीं करता है, उन जगहों पर साइनबोर्ड लगाना अनपयुक्त है।

इस पुस्तिका में यह भी कहा गया है कि चिकित्सक-मरीज संबंध में विश्वास की कमी की वजह से चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होते हैं । उसमें इस बात पर बल दिया गया है कि चिकित्सकों के विरूद्ध शिकायत दर्ज की जाने की सबसे आम वजह संवादहीनता होती है।

आयोग ने कहा है कि इस बात की सावधानी बरती जानी चाहिए कि साइनबोर्ड, विजिटिंग कार्ड , घोषणाओं आदि से लोग गुमराह न हों।

उसने कहा कि चिकित्सक खास क्षेत्र से संबंधित विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण कर कौशल हासिल कर सकते हैं, लेकिन ‘कंसलटेंट/विशेषज्ञ’ केवल उन्हें चिकित्सकों के सिलसिले में उपयोग किया जाना चाहिए जो खास विशेषज्ञता रखते हों।

अपीलीय निकाय के तौर पर नैतिक एवं चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड कदाचार के मामलों की सुनवाई करता रहा है तथा उनमें फैसले सुनाता रहा है।

पुस्तिका के संपादक और बोर्ड के सदस्य डा. योगेंद्र मलिक ने कहा कि चिकित्सकों के विरूद्ध शिकायत के मामलों से मिली सीख को फैलाने की जरूरत है।

 

No related posts found.