

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने देश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून के प्रावधानों का पालन करते हुए समितियों का गठन करें।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने देश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून के प्रावधानों का पालन करते हुए समितियों का गठन करें।
आयोग ने संस्थानों और मेडिकल कॉलेज को लिखे पत्र में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण (पॉश) अधिनियम, 2013 के कार्यान्वयन के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का हवाला दिया।
एनएमसी ने कहा, ‘‘सभी मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया जाता है।
आयोग ने कहा, ‘‘सभी स्वास्थ्य संस्थानों/मेडिकल कॉलेज को समयबद्ध प्रक्रिया के तहत यह सत्यापित करने का निर्देश जाता है कि क्या मेडिकल कॉलेज/संस्थानों ने आवश्यकता के अनुसार आईसीसीएस/एलसीएस/आईसी का गठन किया है और क्या उक्त समितियों के गठन में पॉश कानून के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया गया है।’’
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