दिल्ली हाई कोर्ट ने गोरक्षा प्रकोष्ठ की मांग पर केजरीवाल सरकार से मांगा जवाब, जानिये पूरा मामला
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में गोहत्या रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश की मांग की गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में गोहत्या रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश की मांग की गई है।
इस याचिका में अदालत से अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी के हर जिले में एक अलग गोरक्षा प्रकोष्ठ बनाने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किये।
यह भी पढ़ें |
PWD विभाग का नोटिस, पार्टी आफिस बचाने के लिए 'आप' को चुकाने होंगे 27 लाख रुपए
पीठ ने प्राधिकारियों को मामले में जवाबी हलफनामा या स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख मुकर्रर कर दी।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिगपाल ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान कहा कि “यह एक यथार्थ मुद्दा है और इस देश में गायों को पूजा जाता है।”
याचिकाकर्ता अजय गौतम ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली में 15 जिले हैं, जिनमें 200 से अधिक थाने और 52 पुलिस चौकियां हैं तथा उनमें लगभग 80 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं।
यह भी पढ़ें |
दिल्ली में सेवा विवाद जारी, मुख्य सचिव नरेश कुमार ने बुलाई सिविल सेवा बोर्ड की बैठक, जानिये ये बड़े अपडेट
याचिका में दावा किया गया है, “पुलिस थानों में केवल 38,000 पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है और बाकी का बल बटालियन और अन्य इकाइयों में प्रतिनियुक्त किया जाता है। इतने बड़े बल की मौजूदगी के बावजूद दिल्ली में बड़े पैमाने पर गोकशी की घटनाएं हुई हैं।”
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हरियाणा का मेवात क्षेत्र गोकशी के लिए कुख्यात है और वहां के लोग दिल्ली से गायों की तस्करी कर मेवात ले जाते हैं और वहां उनकी हत्या कर देते हैं।