Excise Policy Case: दिल्ली की अदालत ने लिया ED के दो चार्जशीटों का संज्ञान, जानिए पूरा अपडेट
दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दो पूरक आरोप पत्रों पर सोमवार को संज्ञान लिया।
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दो पूरक आरोप पत्रों पर सोमवार को संज्ञान लिया।
विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने सोमवार को अभियोजन पक्ष की शिकायतों (ईडी के आरोप पत्र) का संज्ञान लिया, जो हाल ही में आरोपी व्यक्तियों अरुण रामचंद्र पिल्लई, राजेश जोशी, अमनदीप ढल, गौतम मल्होत्रा और राघव मगुन्टा और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ दायर की गई थी। अदालत ने उन्हें 10 मई को तलब किया है।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोप पत्र में पर्याप्त सबूत है। अदालत ने यह भी कहा कि मामले की जांच जारी है।
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ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने अदालत को बताया कि जांच पूरी होने पर एजेंसी एक पूरक आरोप पत्र दायर करेगी।
एजेंसी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं किया है, जिन्हें नौ मार्च को गिरफ्तार किया गया था जबकि एक पूरक आरोप पत्र में, ईडी ने तीन व्यक्तियों - राघव मगुन्टा, राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा- तथा पांच संबंधित कंपनियों को नामजद किया था।
एजेंसी ने कारोबारियों अरुण रामचंद्र पिल्लई और अमनदीप ढल के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी।
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दिल्ली की अदालत ने 28 अप्रैल को इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि सबूत प्रथम दृष्टया 'अपराध में उनकी संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं'।
अदालत ने 31 मार्च को घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
सीबीआई और ईडी ने सिसोदिया को रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और इससे अर्जित धन को वैध बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।