एलजीबीटी क्यूआई समुदाय के लिए अवैध ‘कन्वर्जन थेरेपी’ को लेकर जानिये ये बड़ा अपडेट

डीएन ब्यूरो

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने शनिवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को एक नोटिस जारी कर एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय के लिए अवैध ‘कन्वर्जन थेरेपी’ प्रशिक्षण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, जिसका विज्ञापन ‘वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ साइकोलॉजिस्ट’ के बैनर तले किया जा रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नयी दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने शनिवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को एक नोटिस जारी कर एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय के लिए अवैध ‘कन्वर्जन थेरेपी’ प्रशिक्षण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, जिसका विज्ञापन ‘वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ साइकोलॉजिस्ट’ के बैनर तले किया जा रहा है।

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पर प्रसारित एक विज्ञापन का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति में प्रधान कार्यालय वाला ‘वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ साइकोलॉजिस्ट’ नामक संगठन 10 मार्च से मनोदैहिक विकारों पर तीन महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि संगठन ने 47 विभिन्न विकारों से निपटने के लिए प्रशिक्षण की पेशकश की है और इसमें समलैंगिकता जैसे विषयों को शामिल किया है। डीसीडब्ल्यू ने कहा कि यह एक स्थापित तथ्य है कि समलैंगिकता और ‘ट्रांसवेस्टिज्म’ मनोदैहिक विकार नहीं हैं।

डीसीडब्ल्यू ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा पारित 2021 के फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि एलजीबीटीक्यूआई प्लस लोगों की यौन अभिरूचि का चिकित्सकीय रूप से ‘‘इलाज’’ करने या ‘हेट्रोसेक्सुअल’ में बदलने अथवा ‘ट्रांसजेंडर’ लोगों की लिंग पहचान को सिजेंडर (जन्म के समय पहचान के लिए दर्ज कराए गए लिंग) में बदलने का कोई भी प्रयास प्रतिबंधित है।

अदालत ने एनएमसी, इंडियन साइकीऐट्रिक सोसाइटी और भारतीय पुनर्वास परिषद को भी निर्देश दिया था कि वे संबंधित पेशेवर के खिलाफ कार्रवाई करें, जिसमें किसी भी रूपांतरण चिकित्सा या ‘कन्वर्जन थेरेपी’ की विधि शामिल है।

आदेश के बाद, एनएमसी ने ‘कन्वर्जन थेरेपी’ को अवैध घोषित किया और इसे ‘पेशेवर कदाचार’ की श्रेणी में माना और भारतीय चिकित्सा परिषद (पेशेवर आचरण और नैतिकता) विनियमन, 2002 के तहत इस प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगा दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डीसीडब्ल्यू ने एनएमसी के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर मामले में जांच रिपोर्ट की प्रति मांगी है। आयोग ने पूछा है कि क्या कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है या पूर्व में आयोजित किया गया। संगठन, उसके पदाधिकारियों और प्रशिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी मांगा गया है।










संबंधित समाचार