Crime in UP: बहराइच में अवैध धर्मांतरण मामले में पुलिस ने लिया बड़ा एक्शन, जानिए पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

बहराइच जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र में अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के आरोप में शनिवार को पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर


बहराइच: बहराइच जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र में अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के आरोप में शनिवार को पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रामानन्द प्रसाद कुशवाहा ने कहा, ‘‘हमने मंशाराम, रामबचन और उसकी पत्नी नीलम और रेशमा को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उप्र गैरकानूनी धर्मांतरण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।’’

यह प्राथमिकी एक दक्षिणपंथी हिंदू समूह के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने ग्रामीणों को ईसाई धर्म अपनाने की धमकी दी है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार फखरपुर थाना अंतर्गत घेरूआ नौबस्ता गांव व आसपास के गांवों के कुछ मजदूर पंजाब में मजदूरी करने गये थे। वहीं (पंजाब) किसी स्थान पर वह ईसाई धर्म के निकट आ गये और यहां वापस आकर उन लोगों ने गांवों के छोटे छोटे मजरों में चोरी छिपे धर्मांतरण की गतिविधियां शुरू कर दीं।

कुशवाहा ने बताया कि ये सभी ग्रामीणों को लालच देकर व डरा धमका कर इस तरह से बरगलाते थे कि उनसे प्रभावित ग्रामीण किसी अन्य व्यक्ति को कुछ बताते नहीं थे।

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उन्होंने बताया कि इस सबकी जानकारी जब विश्व हिंदू परिषद के एक स्थानीय कार्यकर्ता को हुई तो उन्होंने शुक्रवार को फखरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी धर्मांतरण के मकसद से हिंदुओं के आराध्य देवताओं के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते थे।

एएसपी ने बताया कि हुजूरपुर थाना अंतर्गत पंडित पुरवा निवासी मंशाराम व रामबचन तथा रामबचन की पत्नी नीलम और फखरपुर थाना अंतर्गत घरूआ नौबस्ता निवासी रेशमा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295- क व धारा 298 (किसी वर्ग के धर्म और धार्मिक विश्वासों का अपमान करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से शब्द उच्चारित करना) तथा उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर सभी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश कर विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेल भेजा गया है।










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