Rafale Deal: राफेल डील में भ्रष्टाचार का दावा, भारतीय बिचौलिये को मिली थी भारी-भरकम गिफ्ट राशि

डीएन ब्यूरो

भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार का दावा किया जा रहा है। फ्रांस की एक न्यूज वेबसाइट के इस खुलासे के बाद विवाद का जिन्न एक बार फिर से बाहर आना तय है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

राफेल (फाइल फोटो)
राफेल (फाइल फोटो)


नई दिल्लीः राफेल सौदे को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। इस बार सौदे के दौरान भ्रष्टाचार का दावा करते हुए एक भारतीय बिचौलिए को भारी-भरकम राशि देने की बात कही जा रही है।

फ्रांस के एक पब्लिकेशन ने दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉ को भारत में एक बिचौलिये को एक मिलियन यूरो ‘बतौर गिफ्ट’ देने पड़े थे। फ्रांसीसी मीडिया के इस खुलासे के बाद एक बार फिर दोनों देशों में राफेल की डील को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। 

मीडिया रिपोर्टों में फ्रेंच भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी AFA की जांच रिपोर्ट के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक, दसॉ एविएशन ने कुछ बोगस नजर आने वाले भुगतान किए हैं। कंपनी के 2017 के खातों के ऑडिट में 5 लाख 8 हजार 925 यूरो (4.39 करोड़ रुपए) क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर खर्च दर्शाए गए। मगर इतनी बड़ी धनराशि का कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। मॉडल बनाने वाली कंपनी का मार्च 2017 का एक बिल ही उपलब्ध कराया गया।

AFA के पूछने पर दैसो एविएशन ने बताया कि उसने राफेल विमान के 50 मॉडल एक भारतीय कंपनी से बनवाए। इन मॉडल के लिए 20 हजार यूरो (17 लाख रुपए) प्रति नग के हिसाब से भुगतान किया गया। हालांकि, यह मॉडल कहां और कैसे इस्तेमाल किए गए इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। मीडिया पार्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉडल बनाने का काम कथित तौर पर भारत की कंपनी Defsys Solutions को दिया गया। यह कंपनी दैसो की भारत में सब-कॉन्ट्रैक्टर कंपनी है। इसका स्वामित्व रखने वाले परिवार से जुड़े सुषेण गुप्ता रक्षा सौदों में बिचौलिए रहे और दैसो के एजेंट भी।










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