कोच्चि जल मेट्रो का व्यावसायिक संचालन शुरू, जानिये इस मेट्रो सर्विस के ये खास बातें

डीएन ब्यूरो

देश की पहले और केरल की महत्वाकांक्षी कोच्चि जल मेट्रो सेवा का बुधवार को व्यावसायिक संचालन शुरू हो गया। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कोच्चि जल मेट्रो का व्यावसायिक संचालन शुरू हुआ
कोच्चि जल मेट्रो का व्यावसायिक संचालन शुरू हुआ


कोच्चि: देश की पहले और केरल की महत्वाकांक्षी कोच्चि जल मेट्रो सेवा का बुधवार को व्यावसायिक संचालन शुरू हो गया। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी।

बंदरगाह शहर कोच्चि में 1,136.83 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित, वाम मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख परियोजना 78 इलेक्ट्रिक नौकाओं और 38 टर्मिनलों का उपयोग करके 10 द्वीपों को जोड़ेगी।

वर्तमान में 15 इलेक्ट्रिक वातानुकूलित कैटमरैन (दो पाटों वाली द्रुतगति नौका) नौकाओं के माध्यम से शहर के निवासियों के लिए आठ जल मार्गों से आवागमन शुरू किया गया है। 15 प्रस्तावित जल मार्ग हैं।

उद्घाटन के दिन दिव्यांग बच्चों के एक समूह ने जल मेट्रो की यात्रा का आनंद लिया। नौकाओं और टर्मिनल का निर्माण दिव्यांगों के अनुकूल किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केरल जल मेट्रो लिमिटेड (केडब्ल्यूएमएल) ने एक बयान में कहा, ‘‘नौकाओं का संचालन सुबह सात बजे से उच्च न्यायालय जल मेट्रो टर्मिनल और वाइपिन जल मेट्रो टर्मिनल से शुरू होगा। इस मार्ग की टिकट दर 20 रुपये है। व्यस्त समय के दौरान उच्च न्यायालय-वाइपिन मार्ग में हर 15 मिनट में नौका सेवा होगी। नौका सेवाएं रात आठ बजे तक जारी रहेंगी।’’

बयान में कहा गया है कि देश की पहली जल मेट्रो सेवा कोच्चि और आसपास के लोगों और दुनिया भर के पर्यटकों के लिए सुरक्षित, सस्ती और किफायती अनुकूल यात्रा प्रदान करेगी।

पर्यावरण के अनुकूल जहाज या नौका आठ से दस समुद्री मील की गति से प्रस्तावित 76 किलोमीटर लंबे मार्गों पर यात्रा करेंगे। प्रत्येक नौका में 100 लोग यात्रा कर सकते हैं। नौका ने 2022 में ‘गुसीज इंटरनेशनल इलेक्ट्रिक बोट’ पुरस्कार भी जीते हैं।

मेट्रो अधिकारियों ने कहा कि जहाजों को सबसे उन्नत और सबसे सुरक्षित बैटरी तकनीक से लैस किया गया है जो 15 से 20 मिनट में सुपरचार्ज करने में सक्षम है।

ये जहाज लाइफजैकेट और क्षमता से अधिक भीड़ को रोकने के लिए तकनीक सहित जीवन रक्षक उपकरणों से भी लैस हैं।










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