

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट, 2019 में कहा कि बैंकों में किसी भी धोखाधड़ी से निपटने के किए प्रयास जारी हैं। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट..
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई का गवर्नर बनने के बाद शुक्रवार को गुजराज ग्लोबल समिट, 2019 में पहली दफा सार्वजनिक मंच से बोला। समिट में उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि बैंकों में होने वाली किसी भी तरह की धोखा-धड़ी पर लगाम लगाई जाए।
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दास ने कहा कि खाद्य, ईंधन और शेष समूहों में मुद्रास्फीति में बड़ी अस्थिरता और व्यापक भिन्नता मुद्रास्फीति मूल्यांकन के लिए एक चुनौती है, जिसके लिए नए आंकड़ों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण आवश्यक है। उन्होंने कहा, "खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर 2018 से नकारात्मक हो गई है और ईंधन मुद्रास्फीति अत्यधिक अस्थिर हो गई है, खाद्य और ईंधन को छोड़कर मुद्रास्फीति 6% के करीब है।"
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में दास ने यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के निकलने के घटनाक्रम पर बात करते हुए भारत पर पड़े उसके प्रभाव की भी बात की। उन्होंने भारतीय कंपनियों पर पड़े इसके असर की बात कही। उनका कहना है कि केंद्रीय बैंक होने के नाते आरबीआई पर बहुत दबाव है। उसके ऊपर विकास लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। आइएलएंडएफएस के वित्तीय संकट के बारे में उनका कहना था कि इस घटनाक्रम से एनबीएफसी सेक्टर को लेकर नियामकीय लचरता सामने आई।
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