UP News: तोहफे में मिले 50 करोड़ रुपये, सरकार को वापस देगा यूपी का यह जिला; जानिए क्यों?

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश सरकार हर वर्ष प्रत्येक जिले को करोड़ों रुपये तोहफे के रूप में देती है, जिनसे विकास कार्य होते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी अगर उस जिले में विकास कार्य नहीं होंगे तो उन पैसों का क्या होगा? पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

प्रतीकात्मक छवि
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बुलंदशहर: वित्त वर्ष 2024-25 सोमवार को समाप्त होने वाला है। इस दौरान कई विकास कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि का एक बड़ा हिस्सा खर्च नहीं हो पाने के कारण सरकार को वापस किया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, करीब 50 करोड़ रुपये की धनराशि सरकार को सरेंडर की जाएगी। जिससे यह राशि वापस शासन को लौट जाएगी। खासतौर पर मार्च माह में स्वीकृत विकास कार्यों के लिए अनुबंध न हो पाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन कार्यों के लिए जारी की गई धनराशि दो महीने बाद पुनः उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवधि तक स्याना क्षेत्र में नहरों के पुल निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए और इंतजार करना होगा।

विकास कार्यों पर खर्च न होने पर धनराशि की वापसी

सूत्रों के अनुसार मार्च माह में जितने भी विकास कार्यों के लिए स्वीकृति दी गई थी। उन सभी कार्यों के लिए विभाग अब तक अनुबंध नहीं कर पाए हैं। इसके परिणामस्वरूप इन कार्यों के लिए प्राप्त धनराशि को सरेंडर करना होगा। इस महीने स्वीकृत कार्यों में सबसे ज्यादा राशि लोक निर्माण विभाग के तीनों खंडों में खर्च नहीं हो सकी है। जिसमें लगभग 30 करोड़ रुपये की धनराशि वापस की जाएगी। हालांकि फरवरी माह तक जिन कार्यों के लिए स्वीकृति मिली थी। उनके लिए विभागों ने अनुबंध कर लिए थे लेकिन मार्च में स्वीकृत कार्यों के लिए अभी तक अनुबंध नहीं हो सका है।

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मार्च में इन विभागों द्वारा खर्च की गई धनराशि

मार्च माह में शासन से जारी की गई धनराशि में से अधिकांश विभागों ने इसे खर्च कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले विभागों ने कुल 20 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के बिल कोषागार में भेज दिए हैं। इनमें ऊर्जा निगम, बेसिक शिक्षा, जिला विकास अधिकारी कार्यालय और अन्य विभागों की ओर से खर्च की गई धनराशि शामिल है। इन विभागों से बहुत कम धनराशि वापस हो सकती है। जो आने वाले समय में लैप्स (नष्ट) हो सकती है।

मार्च माह में स्वीकृत प्रमुख विकास कार्य

•    11.73 करोड़ रुपये से अवंतिका देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण
•    7.33 करोड़ रुपये से जहांगीराबाद-अहार मार्ग से सिद्धबाबा मंदिर मार्ग का चौड़ीकरण
•    1.18 करोड़ रुपये से गांव बालका बाईपास का निर्माण कार्य
•    1.93 करोड़ रुपये से कनैनी-लालपुर मार्ग से जनता इंटर कालेज तक सड़क का निर्माण
•    1.50 करोड़ रुपये से डिबाई-घुसराना संपर्क मार्ग से हरी सिंह मार्ग का निर्माण
•    15.91 करोड़ रुपये से नरसेना नहर पुल से अवंतिका देवी मंदिर मार्ग का चौड़ीकरण

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वरिष्ठ कोषाधिकारी की टिप्पणी

वरिष्ठ कोषाधिकारी अनिल कुमार यादव ने बताया, "विभिन्न विभागों की ओर से इस माह में जो बिल पेश किए गए हैं, उनका भुगतान कर दिया गया है। विभागों की बहुत कम धनराशि बची है, जो लैप्स हो सकती है। सोमवार देर रात 12 बजे तक जो धनराशि शेष बची होगी, वह लैप्स हो जाएगी।"










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