

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स के सभी 5 देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने में सफल रहे। बीते साल चीन ने घोषणापत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था लेकिन मोदी इस बार चीन को भी साधने में सफल रहे।
चीन (शियामिन): चीन में नौंवे ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत को वैश्विक स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स के सभी 5 देशों को अपनी बात मनवाने में सफल रहे। पीएम मोदी की पहल पर ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा की निंदा की गई। घोषणापत्र में इन आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया गया।
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आतंकी हिंसा पर चिंता
शियामिन घोषणापत्र में कहा गया है कि सभी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देश क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और तालिबान, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और इससे संबद्ध आतंकी संगठन ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल-तहरीर द्वारा की गई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हैं।
पाकिस्तान के लिये बड़ा झटका
ब्रिक्स का यह घोषणापत्र, पाकिस्तान के लिये बड़ा झटका है क्योंकि अधिकतर आतंकी संगठन पाकिस्तान से ही संचालित होते हैं। ब्रिक्स देशों के समूह ने सभी सरकारों से यह मांग की कि वे अपनी धरती पर आतंकी गतिविधियों और आतंकियों के वित्त पोषण को रोकने के लिए कदम उठाएं। घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की गयी।
जब चीन ने भारत के प्रस्ताव की किया था विरोध
यह घोषणापत्र इसलिए भी अहम है क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में रोड़े अटका चुका है। गोवा में बीते साल हुए आठवें ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने घोषणापत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था। जेईएम प्रमुख मसूद अजहर को भारत ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का रुख किया था लेकिन चीन ने हर बार भारत के इस प्रस्ताव की राह में रोड़ा अटकाया है।
जीएसटी भारत का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
चीन के जियामेन में प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स व्यापार परिषद की बैठक में कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधार में से एक है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। ये कार्यक्रम भारत को ज्ञान आधारित, कौशल समर्थित टेक्नोलॉजी आधारित समाज में बदलने में मदद कर रहे हैं।
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