बिहार की राजनीति में इस वक्त सियासी भूचाल आया हुआ है, NDA की ओर से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का महागठबंधन से मोहभंग हो गया है और वे NDA के साथ मिलाकर बिहार में एक बार फिर सरकार बना सकते हैं।
पहली बार 1994 में बदला पाला
नीतीश कुमार ने साल 1994 में पाला बदला था, तब वे जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।
1996 में दूसरी बार मारी पलटी
इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और NDA के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पलटी मारी। नीतीश कुमार का एनडीए के साथ यह सफर साल 2010 तक चला।
2014 का लोकसभा अकेले लड़ा चुनाव
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री फेस के रूप में आगे बढ़ाया गया तो नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस दौरान नीतीश कुमार को दो सीटों पर जीत मिली थी
2015 में महागठबंधन के साथ लड़ा चुनाव
नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।
2020 में रहा था ये परिणाम
2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125, महागठबंधन को 110 और एआईएमआईएम, बसपा व दूसरे दलों को 8 सीटें मिली है। बता दें कि उस समय नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे।
2022 में पांचवीं बार मारी पलटी
2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए। मगर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार बहुत ही जल्द पाला बदलकर एनडीए में शामिल होने वाले हैं।
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