विधानसभा चुनाव से पहले बाइचुंग भूटिया ने किया बड़ा दावा, जानिये क्या कहा
फुटबॉलर से नेता बने बाइचुंग भूटिया ने कहा कि सिक्किम के लोग अगले साल की शुरुआत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में ‘‘भ्रष्टाचार और हिंसा मुक्त’’ सरकार चाहते हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गंगटोक: फुटबॉलर से नेता बने बाइचुंग भूटिया ने कहा कि सिक्किम के लोग अगले साल की शुरुआत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में ‘‘भ्रष्टाचार और हिंसा मुक्त’’ सरकार चाहते हैं।
‘हामरो सिक्किम पार्टी’ (एचएसपी) के प्रमुख भूटिया ने डाइनामाइट न्यूज़ से साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार सिक्किम के लोगों को भूमि स्वामित्व संबंधी कुछ विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 371 एफ को ‘‘कमजोर करने’’ जैसे मामलों पर पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के साथ निकटता से मिलकर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच चुनावी गठबंधन होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) संबंधी एक अन्य अहम मांग पर हाथ मिलाया है। आईएलपी पश्चिम बंगाल, नेपाल और चीन के बीच स्थित राज्य में आने वाले और बसने वालों लोगों को प्रतिबंधित करेगा।
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान ने डाइनामाइट न्यूज़ को फोन पर दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘एचएसपी चाहती है कि सिक्किम में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) -भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) गठबंधन से लड़ें और अगले साल होने वाले चुनाव में उसे हरा दें।’’
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भूटिया ने कहा, ‘‘हम एसडीएफ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और मौजूदा मुद्दों पर मिलकर आवाज उठा रहे हैं। इसलिए, एचएसपी और एसडीएफ के बीच चुनावी गठबंधन की संभावना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिक्किम में स्थिति हर तरह से भयानक हो गई है। अपराध और नशीले पदार्थों के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है, सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और संगठित राजनीतिक हिंसा में वृद्धि हुई है।’’
भूटिया ने कहा कि लोग ‘‘खराब शासन’’ से परेशाान हो चुके हैं और वे ‘‘साफ छवि वाले नेताओं के लिए तरस रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी को अभी तक चुनावी सफलता क्यों नहीं मिल पाई, उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी नई थी। जब हमने 2019 का चुनाव लड़ा था, तब हमारी पार्टी को बने केवल साठ-आठ महीने हुए थे।’’
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उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से अंतिम समय में कई नेताओं ने दल बदल दिया।
भूटिया ने कहा, ‘‘लेकिन पिछले चार वर्षों में, हमने अपनी गलतियों से सीखा है और 2024 के चुनाव के लिए हम अधिक संगठित हैं।’’