Betul Tanmay Sahu: दुवाएं हुईं बेअसर, बचाव अभियान भी फेल, बोरवेल में गिरे मासूम तन्मय ने हारी जिंदगी की जंग

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 80 घंटे के बचाव अभियान भी फेल साबित हो गया। खुले बोरवेल में गिरा 8 साल का तन्मय आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिन-रात के बचाव अभियान के बाद मिला तन्मय का शव
दिन-रात के बचाव अभियान के बाद मिला तन्मय का शव


बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आठनेर थाना क्षेत्र के मांडवी गांव में अब मातम और गम का माहौल है। मांडवी गांव में मंगलवार छह दिसंबर की शाम 4.30 बजे खेलते हुए तन्मय साहू खुले बोरवे में गिर गया था, जिसके बाद रेसक्यू अभियान शुरू किया गया। लोग तन्मय के सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिये दुआएं कर रहे थे। लेकिन बदनसीब तन्मय लगभग 80 घंटे बाद जिंदगी की जंग हार गया। शनिवार की सुबह तन्मय साहू का शव बोरवेल से बाहर निकाला गया, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया। 

पिछले करीब 80 घंटे से भी ज्यादा समय से बोरवेल में फंसे आठ साल के तन्मय की जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार सुबह बच्चे के शव को निकाले जाने के बाद उसे तत्काल जिला अस्पताल लाया गया, जहां पांच डॉक्टरों की टीम ने उसके शव का पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। 

पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया शव

तन्मय के निधन से पूरे गांव में मातम पसरा है। आस पास के चार गांव के लोग तन्मय के बचाव कार्य में मदद कर रहे थे, सभी तन्मय के निधन से गमजदा हैं। 

तन्मय के बोरवेल में गिरने की सूचना के एक घंटे बाद ही जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया था। उसे बचाने के लिये व्यापक स्तर पर अभियान चलाया गया, लेकिन बोरवेल में पानी होने और तन्मय की पसली में चोट लगने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।

जानकारी के अनुसार बच्चे की मौत काफी घंटे पहले ही हो चुकी थी, क्योंकि उसकी बॉडी ने डिकम्पोज होना शुरू कर दिया था।  

खुले बोरवेल में गिरकर जान गंवाने वाले आठ साल के बच्चे तन्मय के परिजन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

इसके साथ ही सीएम ने अपने ट्वीट में कहा कि अत्यंत दुखद है कि बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे नन्हे तन्मय को प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजन को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना है।










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