अवुलापल्ली जलाशय पर्यावरण मंजूरी: आंध्र सरकार एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 17 मई को सुनवाई करने पर सहमति जताई। एनजीटी ने राज्य के अवुलापल्ली जलाशय को मिली पर्यावरण मंजूरी को खारिज कर दिया था। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 17 मई को सुनवाई करने पर सहमति जताई। एनजीटी ने राज्य के अवुलापल्ली जलाशय को मिली पर्यावरण मंजूरी को खारिज कर दिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने मामले को सूचीबद्ध किया।

पीठ ने कहा,‘‘ यह लोक परियोजना है इसलिए हम इसे परसों के लिए सूचीबद्ध करते हैं।’’

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रोहतगी ने कहा कि यह एक असाधारण मामला है जहां हरित अधिकरण ने जलाशय को मिली पर्यावरण मंजूरी को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि हरित अधिकरण ने अवुलापल्ली जलाशय के निर्माण के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) से मिली पर्यावरण मंजूरी को 11 मई को खारिज कर दिया था।

हरित अधिकरण ने इस मंजूरी की वैधता को चुनौती देने वाली किसानों की याचिका पर यह फैसला सुनाया था।

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इसके अलावा एनजीटी ने आंध्र प्रदेश सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था, जो तीन माह के भीतर कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड को दिया जाना था।










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