अदालत ने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल के चिकित्सा निदेशक की नियुक्ति रद्द की

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां केंद्रशासित प्रदेश की सरकार द्वारा संचालित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (बीएसए) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के रूप में डॉ. नवनीत गोयल की नियुक्ति को रद्द करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना इस पद का सृजन किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल)
दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां केंद्रशासित प्रदेश की सरकार द्वारा संचालित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (बीएसए) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के रूप में डॉ. नवनीत गोयल की नियुक्ति को रद्द करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना इस पद का सृजन किया।

इसने कहा कि नियोक्ता के रूप में सरकार की शक्ति का मनमाने तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य में सरकारी रोजगार संविधान और कानूनों के अनुसार होना चाहिए तथा मौजूदा मामले में नियुक्ति वैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं की गई।

यह भी पढ़ें | आबकारी नीति घोटाला: सिसोदिया को शनिवार को अपने घर पर बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति मिली

अदालत ने कहा कि ‘आदर्श नियोक्ता’ माने जाने वाले राज्य की शक्ति एक निजी नियोक्ता की तुलना में ‘‘अधिक सीमित’’ है क्योंकि वह संवैधानिक सीमाओं से बंधा होता है।

पीठ ने कहा, ‘‘एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य में सार्वजनिक रोजगार, संविधान और उसके तहत बनाए गए कानूनों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए। हमारी संवैधानिक योजना स्थापित प्रक्रिया के आधार पर सरकार और उसकी संस्थाओं द्वारा रोजगार मुहैया कराने की परिकल्पना करती है।’’

अदालत ने 24 मई को आदेश दिया, ‘‘किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि प्रतिवादी संख्या चार (डॉ. नवनीत गोयल) की नियुक्ति प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए की गई थी। इसके मद्देनजर इस रिट याचिका को स्वीकार किया जाता है और प्रतिवादी नंबर चार को बीएसए अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के रूप में नियुक्त करने के विवादित आदेश को रद्द किया जाता है।’’

यह भी पढ़ें | New Delhi: अस्पताल की कर्मचारी का यौन उत्पीड़न, आरोपी गिरफ्तार

याचिकाकर्ता की पैरवी वकील अवध बिहारी कौशिक ने की। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि गोयल को दिल्ली सरकार ने 10 मार्च 2021 को बिलकुल असंगत, अवैध और मनमाने तरीके से चिकित्सा निदेशक नियुक्त किया।

 










संबंधित समाचार