कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोर का एक और विकल्प जल्द आ सकता है सामने, ये खास रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स टीके को वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के तौर पर कोविन पोर्टल में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नयी दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स टीके को वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के तौर पर कोविन पोर्टल में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ का अर्थ है कि किसी व्यक्ति ने विगत में कोई टीका लगवाया हो तो उसे बूस्टर खुराक के तौर पर किसी अन्य कंपनी का टीका लगाया जा सकता है।

कोवोवैक्स के कुछ दिनों में पोर्टल पर उपलब्ध होने की संभावना है और इसकी कीमत संभवत: 225 रुपये प्रति खुराक होगी। इसके अलावा मूल्य पर उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू होगा।

सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह द्वारा 27 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र के बाद यह कदम उठाया गया है।

एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, सिंह ने मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में जिक्र किया था कि कोवोवैक्स विभिन्न मशहूर संस्थाओं द्वारा अनुमोदित एक विश्वस्तरीय टीका है और इसे कोविन पोर्टल पर वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

इसका मतलब है कि कोवोवैक्स उन लोगों को दिया जा सकता है जिन्होंने पहले कोविशील्ड या कोवैक्सिन टीके लगवाए हैं।

पिछले माह डॉ एन के अरोरा की अध्यक्षता वाले कोविड-19 कार्यकारी समूह ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय से उन वयस्कों के लिए कोवोवैक्स को हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक के तौर पर पोर्टल में शामिल किए जाने की सिफारिश की थी जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले ली है।

भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने 16 जनवरी को कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले चुके लोगों के लिए कोवोवैक्स टीके के बाजार के प्रमाणीकरण की मंजूरी दी थी। इस टीके को विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएसएफडीए आदि की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।










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