भारत-कोरिया के बीच कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

डीएन ब्यूरो

भारत और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को सीमा पार और अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर रोकथाम के लिए दोनों देशों की प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें भारत-कोरिया के बीच किन महत्वपूर्ण समझौतों पर हुए हस्ताक्षर..

भारत-कोरिया के बीच बैठक की तस्वीर
भारत-कोरिया के बीच बैठक की तस्वीर


सोल: भारत और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को सीमा पार और अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर रोकथाम के लिए दोनों देशों की प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन की मौजूदगी में भारतीय गृह मंत्रालय और कोरियन नेशनल पुलिस के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये जिसके अंतर्गत दोनों देशों के बीच सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाना और पुलिस सहयोग बढ़ाना शामिल है।

 

दोनों देशों के बीच अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना (रानी हुर ह्वांग ओक) की स्मृति में संयुक्त रूप से डाक टिकट जारी करने के लिए भी एक समझौता किया गया। राजकुमारी सूरीरत्ना 48 ईस्वी में कोरिया चली गयी थी और सम्राट किम सूरो से विवाह कर लिया था। कोरियाई लोगों का एक बड़ा वर्ग उन्हें अपना पूर्वज मानता है। कोरियाई कंपनियों द्वारा भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए बने कोरिया प्लस के विस्तार के लिए भी एक समझौता किया गया। कोरिया प्लस ने जून 2016 में काम करना शुरू किया था और उसमें उद्योग, व्यापार और ऊर्जा मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हैं।

भारत और दक्षिण कोरिया ने स्टार्ट अप सहयोग के लिए भी एक करार किया है। इसका उद्देश्य स्टार्ट अप के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना और भारत में एक कोरिया स्टार्ट अप सेंटर की स्थापना करना है ताकि स्टार्टअप कंपनियों के विचार, तकनीक और डिजाइन का वाणिज्यीकरण किया जा सके। कोरियन ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम और प्रसार भारती के बीच भी एक समझौता किया गया है जिससे दक्षिण कोरिया में डीडी इंडिया और भारत में केबीएस वर्ल्ड चैनल का प्रसारण हो सकेगा। दोनों देशों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और काेरिया एक्सप्रेसवे कारपोरेशन के बीच एक करार किया है जिससे भारत में सड़क एवं परिवहन आधारभूत ढांचा विकास परियोजनाओं में द्विपक्षीय सहयोग और सड़क एवं परिवहन क्षेत्र में तकनीकी एवं संस्थागत ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। (वार्ता)










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