आखिर क्यों हाई कोर्ट ने खारिज की पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की याचिका, जानें मामला

डीएन ब्यूरो

गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एक चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में एक लोकसभा सदस्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर एक पुलिस निरीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना संबंधी कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया था। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

गुजरात उच्च न्यायालय  (फाइल फोटो)
गुजरात उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)


अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एक चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में एक लोकसभा सदस्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर एक पुलिस निरीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना संबंधी कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चिकित्सक डॉ. अतुल चुग का शव 12 फरवरी को गिर सोमनाथ के वेरावल में उनके मकान के पंखे से लटका मिला था। चुग के पास से मिले एक नोट में सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजेश चुडासमा और उनके पिता पर आरोप लगाया गया है कि चिकित्सक की आत्महत्या के लिए वे दोनों जिम्मेदार हैं।

न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री और न्यायमूर्ति जे एस दोशी की अदालत ने याचिका के सुनवाई योग्य नहीं होने के आधार पर डॉ. अतुल चुग के बेटे हितार्थ चुग की याचिका खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके पिता ने 2008 से सांसद और अन्य लोगों को पैसा उधार दे रखा था, लेकिन उन्होंने ऋण नहीं चुकाया, जिसके कारण अतुल चुग ने आत्महत्या कर ली।

सांसद और उनके पिता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी प्राथमिकी दर्ज करने से पुलिस के इनकार के बाद हितार्थ चुग ने अदालत में याचिका दायर की थी।

उन्होंने ललिता कुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में अनिवार्य रूप से प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी उच्चतम न्यायालाय के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर वेरावल टाउन पुलिस थाने के निरीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया था।










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