निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करके बनाई 10 हजार वोटर आईडी, जानिये यूपी से गिरफ्तार आरोपी का पूरा गोरखधंधा

डीएन ब्यूरो

भारत के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करके दस हजार वोटर कार्ड बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। जानिये क्या है पूरा मामला

आयोग की वेबसाइट से बड़ी संख्या में बनाये गये वोटर कार्ड (फाइल फोटो)
आयोग की वेबसाइट से बड़ी संख्या में बनाये गये वोटर कार्ड (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: भारत के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करके और दस हजार से अधिक फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने के मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार युवक सहारनपुर में कम्प्यूटर शॉप चलाता है। हालांकि अभी तक हुए खुलासे के मुताबिक आरोपी ने किसी राजनीतिक मकसद से नहीं बल्कि अंधाधुंध कमाई के लिए ये गोरखधंधा किया था। आरोपी के बैंक खाते से 60 लाख रूपये मिले, जो उसने मतदाता पहचान पत्र बनाकर कमाये। 

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस चेन्नपा के मुताबिक गिरफ्तार किये गये आरोपी विपुल सैनी ने यहां के नकुड़ इलाके में अपनी कम्प्यूटर की दुकान में कथित तौर पर हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनाए थे। सैनी आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉगइन करता था, जिसका इस्तेमाल आयोग के अधिकारी करते थे। 

आयोग को वेबसाइट पर जब कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ तो मामला सामने आया। आयोग ने जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। एजेंसियों की जांच के दौरान सैनी शक के दायरे में आया और उन्होंने सहारनपुर पुलिस को सैनी के बारे में जानकारी दी। पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद आरोपी के बैंक खाते से 60 लाख रुपए जमा मिले। इतनी रकम कहां से आई इस सवाल के जवाब में विपुल ने पुलिस को बताया कि मतदाता पहचान पत्र बनाकर उसने यह कमाई की।  

पुलिस को गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था और उसने तीन माह में दस हजार से ज्यादा मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे। साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त दल ने बृहस्पतिवार को सैनी को गिरफ्तार कर लिया।

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक दो तीन हफ्ते पहले आयोग में मतदाता सूची अपडेट रखने वाले विभाग के आला अधिकारियों को अपने मेल अकांउट और वेबसाइट ऑपरेशन के दौरान कुछ गड़बड़ी होने की आशंका हुई। पहले तो उनको अपने ऊपर ही शक हुआ कि ये वाकई हो रहा है या कोई टेक्निकल ग्लिच यानी लोचा है। लेकिन अधिकारियों के बीच आपस में बातचीत से पता चला की कई अधिकारियों के साथ यही हो रहा है, जिसके बाद मामले की जांच हुई और सहारनपुर से वेबसाइट में सेंधमारी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया। 










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