पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में कल सुनायेगी दिल्ली की एक अदालत फैसला
टेलीविजन पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के 15 साल से भी अधिक समय बाद दिल्ली की एक अदालत बुधवार को अपना फैसला सुनायेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: टेलीविजन पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के 15 साल से भी अधिक समय बाद दिल्ली की एक अदालत बुधवार को अपना फैसला सुनायेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने बचाव एवं अभियान पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 को जब रात साढ़े तीन बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने दावा किया था कि इस हत्या का मकसद लूटपाट था।
उनकी हत्या के मामले में पांच लोगों -- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च, 2009 से हिरासत में हैं।
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पुलिस ने आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लगाया था।
पुलिस ने कहा कि आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन हत्याकांड की गुत्थी सुलझी।
मलिक ने 2019 में उच्च न्यायालय से त्वरित सुनवाई की दरख्वास्त की थी। उसके बाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से इस बात पर रिपोर्ट मांगी थी कि आरोपपत्र दाखिल किये जाने के साढ़े नौ साल बाद भी सुनवाई क्यों नहीं पूरी हुई।
निचली अदालत ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि देरी की प्राथमिक वजह अभियोजन पक्ष के गवाहों की गैरमौजूदगी तथा विशेष जन अभियोजक की नियुक्ति में लगा समय थी।
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निचली अदालत ने जिगिशा घोष हत्याकांड में अगस्त, 2016 में कपूर और शुक्ला को मृत्युदंड तथा मलिक को आजीवन कारावास सुनाया था।
लेकिन जनवरी, 2018 में उच्च न्यायालय ने कपूर और शुक्ला के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया था तथा मलिक की उम्रकैद बनाये रखी थी।