नई दिल्ली: मोदी सरकार अब एक बार फिर आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालने वाली तैयारी में है। इस बार राहत का रास्ता जीएसटी (GST) से होकर गुजर रहा है। सूत्रों से मिली पक्की जानकारी के अनुसार, सरकार 12% वाले टैक्स स्लैब को हटाकर या घटाकर 5% करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो जूते-चप्पल, साबुन, मिठाई, टूथपेस्ट और कपड़े जैसे रोजमर्रा के जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह फैसला GST काउंसिल की 56वीं बैठक में लिया जा सकता है, जो इसी महीने हो सकती है। बता दें कि हाल ही में जीएसटी ने अपने 8 साल पूरे किए हैं, और यह राहत उस मौके पर सरकार की तरफ से एक तोहफा मानी जा सकती है।
क्या है सरकार की योजना?
सरकार 12% टैक्स वाले उत्पादों को 5% स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। जिन उत्पादों पर यह राहत मिल सकती है, उनमें शामिल हैं:
- जूते-चप्पल
- रेडीमेड कपड़े
- टूथपेस्ट और साबुन
- मिठाइयाँ और डेयरी प्रोडक्ट्स
इनमें से ज्यादातर उत्पाद मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप के घरों में रोजमर्रा में इस्तेमाल होते हैं, ऐसे में यह कदम सीधा आम आदमी को फायदा पहुंचाएगा।
GST स्लैब की मौजूदा स्थिति
- भारत में फिलहाल चार टैक्स स्लैब हैं:
- 5%
- 12%
- 18%
- 28%
हर उत्पाद को इसी कैटेगरी में बांटा गया है। जैसे:
- अनाज, दालें – 5%
- मिठाई – 12%
- डिटरजेंट – 18%
- कारें – 28%
राजनीतिक नजरिया: 2029 की तैयारी अभी से?
विश्लेषक मानते हैं कि यह फैसला सिर्फ टैक्स सुधार नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी है। 2024 की जीत के बाद अब मोदी सरकार अगले कार्यकाल के बड़े “गरीब और मध्यम वर्ग केंद्रित” फैसले लेने की ओर बढ़ रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही मार्च 2025 में कह चुकी हैं कि GST ढांचे को तर्कसंगत बनाया जाएगा। अब इसे मिशन मोड में लागू करने की तैयारी है। अगर सरकार 12% का स्लैब खत्म करती है तो यह न सिर्फ आर्थिक राहत होगी, बल्कि इसे “मिडिल क्लास फ्रेंडली मोदी 3.0 सरकार” की छवि को और मजबूत करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जाएगा।
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