New Delhi: सोमवार से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन का माहौल हंगामेदार रहा। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया, जिससे लोकसभा की कार्यवाही बाधित हो गई और सदन में कोई काम नहीं हो पाया। संसदीय कार्य मंत्री और रक्षा मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
सूत्रों के अनुसार, बाद में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए समय तय कर दिया गया। लोकसभा में इस विषय पर कुल 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे चर्चा होगी, यानी कुल मिलाकर संसद के दोनों सदनों में 25 घंटे इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय खेल विधेयक पर 8 घंटे, मणिपुर बजट पर 2 घंटे और आयकर बिल पर 12 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है।
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह भी तय हुआ कि संसद में शुभांशु शुक्ला के सफल अंतरिक्ष मिशन और वापसी पर भी चर्चा होगी। विपक्षी दलों ने विशेष रूप से यह मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सदन में मौजूद रहें। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सभी दल चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित होकर चर्चा में भाग लें।
डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने बैठक को लेकर असंतोष जताया
वहीं, कांग्रेस संसदीय दल के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने बैठक को लेकर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को गंभीरता से नहीं ले रही है। गोगोई ने कहा कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय का जिक्र नहीं किया गया और कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने सवाल किया कि सरकार वीर सपूतों को किस प्रकार का संदेश देना चाहती है।
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा
अगले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा होने की संभावना है, जहां विपक्ष अपनी मांगों को जोर-शोर से उठाएगा। इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में लंबे समय तक बहस और चर्चा होगी, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक तनाव बना रहने की उम्मीद है।