New Delhi: सावन का महीना हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से जितना पवित्र माना जाता है, उतना ही यह मौसम सेहत के लिहाज से भी संवेदनशील होता है। जैसा कि आप जानते हैं कि यह माह काफी पवित्र होता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस दौरान वर्षा ऋतु के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि इस पावन महीने में हम अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें ताकि शरीर स्वस्थ रहे और पूजा-पाठ भी पूरी श्रद्धा से कर सकें।
सावन में क्या खाएं?
1. हल्का और सुपाच्य भोजन: सावन में ऐसा भोजन करें जो आसानी से पच जाए। खिचड़ी, मूंग दाल, सब्जियों से भरपूर सूप और उबली हुई चीजें इस मौसम में बेहतरीन विकल्प हैं। इनसे पेट भी भरा रहता है और पाचन तंत्र पर अधिक दबाव भी नहीं पड़ता।
2. फलों का सेवन बढ़ाएं: इस मौसम में मौसमी फल जैसे केला, सेब, अनार, पपीता और लीची का सेवन करें। ये न सिर्फ शरीर को पोषण देते हैं बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।
3. तुलसी, अदरक और हल्दी का सेवन: तुलसी की पत्तियां, हल्दी वाला दूध और अदरक की चाय रोगों से बचाने में मददगार होती हैं। ये प्राकृतिक एंटीसेप्टिक हैं जो शरीर को संक्रमण से दूर रखते हैं।
4. उबला हुआ पानी पिएं: बारिश के दिनों में जल जनित रोग फैलने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया गया पानी पिएं।
5. सात्विक भोजन अपनाएं: सावन में कई लोग व्रत रखते हैं, ऐसे में सात्विक आहार जैसे साबूदाना, आलू, फलाहारी डिशेज़ आदि लें। यह शरीर को शुद्ध और मन को शांत रखने में मदद करता है।
क्या नहीं खाना चाहिए सावन में?
1. मांसाहार और अधिक मसालेदार भोजन से बचें: इस महीने में मांसाहारी भोजन से दूरी बनाना बेहतर होता है। आयुर्वेद के अनुसार सावन में शरीर की अग्नि (पाचन शक्ति) कमजोर होती है, जिससे हैवी फूड पचाना मुश्किल होता है।
2. हरी पत्तेदार सब्जियां कम खाएं: बारिश में हरी पत्तेदार सब्जियों में कीड़े और बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है। अगर खानी ही हों तो अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाएं।
3. फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड से परहेज करें: बरसात में बाहर का खाना खाने से फूड पॉइजनिंग या अन्य संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए घर का बना ताजा भोजन ही लें।
4. दही और ठंडी चीजें कम लें: सावन में दही, छाछ या आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजें टॉन्सिल, खांसी-जुकाम को बढ़ा सकती हैं।
निष्कर्ष
सावन में खानपान के ये छोटे-छोटे बदलाव न केवल आपकी सेहत को बेहतर बनाएंगे, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी यह शुद्धता और संयम का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सावन के इस पावन महीने में संतुलित, हल्का और सात्विक आहार अपनाएं और रोगों से दूर रहें।

