टिकटों की जल्द जांच के लिए रेलवे अपनाएगा अब ये नया तरीका

डीएन संवाददाता

वर्षों पुरानी भारतीय रेलवे अब नई नवेली मेट्रो रेल से कई नयी चीजें सीख रही है। सुगम व सुविधाजनक यात्रा के लिए रेलवे ने मेट्रो की कई नयी तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है।

बार-कोडेड फ्लैप गेट
बार-कोडेड फ्लैप गेट


नई दिल्ली: रेलवे भी अब मेट्रो की तरह अपने स्टेशनों पर बार कोड स्कैनर के साथ स्वचालित फ्लैप गेट लगाएगा ताकि तेजी से टिकट की जांच की जा सके और टिकट परीक्षकों और कलेक्टरों पर दबाव कम हो सके। पहले से ही कोलकाता और दिल्ली मेट्रो सेवाओं में संचालित बार कोड स्कैनर प्रणाली को सबसे पहले गैर-महानगरीय स्टेशनों पर लागू किया जाएगा, जहां यातायात की रफ्तार बहुत कम होती है। रेलवे की प्रौद्योगिकी शाखा CRIS को पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन कार्यो का जिम्मा सौंपा गया है।

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रेल मंत्रालय में इस योजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली का प्रयोग अगले तीन महीनों तक बरार स्क्वायर स्टेशन पर किया जाएगा। यदि यह सफल हुआ तो यह प्रणाली ट्रेन के टिकट परीक्षकों और टिकट कलेक्टरों की कमी से निपटने में रेलवे को सक्षम बना सकेगा। स्वचालित फ्लैप गेट प्रणाली से भीड़ के समय में तेजी से यात्रियों के प्रवेश करने और बाहर निकलने के मामले से निपटा जा सकता है।

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रेलवे अधिकारी ने बताया कि हमने परीक्षण करने के लिए बरार स्क्वायर स्टेशन को चुना क्योंकि यहां यात्रियों की भीड़ काफी सीमित होती है। इसके पहले चरण के रूप में पूरे स्टेशन को हर तरफ से बंद किया जाएगा ताकि कोई भी यात्री बिना टिकट के भाग नहीं पाए। इसके अलावा, बार कोडेड टिकट के लिए टिकट काउंटरों पर थर्मल प्रिंटर भी लगे होंगे।










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