नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) हाल ही में भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच संघर्ष विराम के मुद्दे पर मनमाने दावे किए हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। 10 मई को ट्रंप ने X पर पोस्ट करते हुए यह दावा किया कि भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर (Ceasefire) को मान लिया है। ट्रंप ने न केवल सीजफायर की बात की, बल्कि कश्मीर को “हजार साल पुराना मुद्दा” बताते हुए इसे जल्दी हल करने की भी बात की।
देश के जाने-माने पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने स्पेशल शो “The MTA Speaks“ में इसका विश्लेषण करते हुए कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय का रुख स्पष्ट रहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इस संदर्भ में किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, “मैं आपको बताते हुए गर्व महसूस कर रहा हूँ कि हमने परमाणु युद्ध (Nuclear War) रुकवाया है।” हालांकि, उनके इस दावे को भारत ने तुरंत खारिज कर दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप का बड़बोला दावा
ट्रंप की इन बेतुकी बातों से यह संदेश जा रहा है कि वे न केवल अपनी स्थिति को मजबूती देने के लिए मनगढंत दावे कर रहे हैं बल्कि वे पाकिस्तान का पक्ष भी विरोधाभासी तरीके (Contradictory Manner) से ले रहे हैं। शशि थरूर, जो कि केरल से कांग्रेस सांसद हैं, ने ट्रंप के बयानों का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत के हितों को कमजोर किया है और उनके बयान ‘गहरा निराशाजनक’ हैं।
ट्रंप के दावे पर शशि थरूर ने जताई आपत्ति
थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ट्रंप की टिप्पणियाँ भारत के सीमा पार आतंकवाद और कश्मीर पर लंबे समय से चले आ रहे रुख को कमजोर करती हैं।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप की टिप्पणियों से दशकों में हासिल की गई राजनयिक प्रगति खतरे में पड़ सकती है। थरूर ने स्पष्ट किया कि “भारत कभी भी अपनी कनपटी पर बंदूक रखकर किसी आतंकवादी से बात नहीं करेगा।”
ट्रंप ने भारत-पाक संबंधों में मध्यस्थता का किया दावा
इस मामले में उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पाकिस्तान को वह वैधता देती है जो उसके पास नहीं होनी चाहिए। थरूर ने कहा, “भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ अपनी समस्याओं पर किसी विदेशी देश की मध्यस्थता नहीं चाही है और न ही चाहेगा।”
ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया करते हुए थरूर ने यह भी बताया कि इन टिप्पणियों के कारण भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को एक नए तरीके से वैश्विक स्तर पर एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दशकों से, विश्व नेताओं को भारत और पाकिस्तान की यात्रा को एक साथ न करने की सलाह दी गई है, और ट्रंप के बयान इस ढांचे को तोड़ रहे हैं।
भारत का स्पष्ट रुख
भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और वह इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का स्वागत नहीं करता है। ट्रंप के बयान भारत को निराश करते हैं क्योंकि वे पाकिस्तान को अनुचित महत्त्व देते हैं और मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाते हैं।
ट्रंप के बड़बोलेपन के इस प्रकरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी अपनी बातों को थामना भी जरूरी होता है, खासकर जब विषय वैश्विक स्तर पर इतना संवेदनशील हो।