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Pithoragarh: लीलम गांव के पास भूस्खलन से लीलम-पातों मार्ग बंद, सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति ठप

मुनस्यारी के लीलम गांव के पास भूस्खलन से मार्ग बंद हो गया, जिसके चलते आपूर्ति और आवाजाही पूरी तरह से रुकी हुई है। यहां पढ़ें पूरी खबर
Post Published By: Tanya Chand
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Pithoragarh: लीलम गांव के पास भूस्खलन से लीलम-पातों मार्ग बंद, सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति ठप

Pithoragarh: जिले की मुनस्यारी तहसील के लिलम गांव के पास भूस्खलन होने से पहाड़ी का बड़ा हिस्सा भरभराकर नीचे आ गिरा, जिससे लीलम-पातों मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। लगातार हो रही बारिश के बाद जैसे ही मौसम साफ हुआ, पहाड़ी दरक गई और सैकड़ों टन मलबा सड़क पर फैल गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार इस मार्ग के बंद होने से मुनस्यारी से मिलम घाटी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए आवाजाही और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति पूरी तरह रुक गई है।

मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को हुई परेशानी
भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित यह इलाका सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। लीलम-पातों मार्ग का बंद होना सेना और सीमांत गांवों के लिए चुनौती खड़ी कर रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर पहले भी भूस्खलन होते रहे हैं, लेकिन इस बार मलबा और चट्टानों की मात्रा अत्यधिक है, जिससे रास्ता खुलने में लंबा समय लग सकता है।

बीआरओ की टीम पहुंची 
भूस्खलन की सूचना मिलते ही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम मौके पर पहुंच गई है और मलबा हटाने के लिए तकनीकी उपकरण लगाई गई है। हालांकि, पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने और भारी बारिश की आशंका के चलते राहत कार्यों में बाधा आ रही है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए सावधानीपूर्वक कार्य किया जा रहा है।

प्रशासन ने जारी की चेतावनी
वहीं, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मौसम विभाग द्वारा अगले 48 घंटों में फिर से भारी बारिश की संभावना जताई गई है, ऐसे में लोग सतर्क रहें और जोखिम उठाने से बचें।

स्थानीय व्यापारी और ग्रामीण की मांग
क्षेत्र में आवश्यक सामग्री जैसे राशन, दवाइयों और ईंधन की आपूर्ति प्रभावित होने से सीमावर्ती गांवों के लोगों में चिंता बढ़ गई है। स्थानीय व्यापारी और ग्रामीण प्रशासन से वैकल्पिक मार्ग से आपूर्ति शुरू करने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए हेलीकॉप्टर या खच्चर मार्ग से राहत सामग्री भेजने पर विचार किया जा रहा है।

भूस्खलन के कारण स्थानीय स्कूलों में भी छुट्टी घोषित कर दी गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मार्ग खुलने में अभी कम से कम दो से तीन दिन लग सकते हैं। प्रशासन और बीआरओ की टीम स्थानीय लोगों के सहयोग से मार्ग को जल्द खोलने के प्रयास में जुटी हुई है।

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