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Ravi Kishan को मिला दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल अवॉर्ड 2025, 33 साल की मेहनत को मिला फल

गोरखपुर के सांसद और बॉलीवुड-भोजपुरी अभिनेता रवि किशन शुक्ला को 2025 के "दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल" पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म फेयर अवार्ड के बाद यह उनकी एक और बड़ी उपलब्धि है।
Post Published By: Poonam Rajput
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Ravi Kishan को मिला दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल अवॉर्ड 2025, 33 साल की मेहनत को मिला फल

Gorakhpur: गोरखपुर के सांसद और बॉलीवुड-भोजपुरी अभिनेता रवि किशन शुक्ला को 2025 के “दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म फेयर अवार्ड के बाद यह उनकी एक और बड़ी उपलब्धि है। इस खबर से उनके समर्थकों और प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई और लोग बधाई देने उनके आवास पर पहुंच गए।

राजनीति और फिल्मों में सक्रिय रवि किशन

रवि किशन वर्तमान में गोरखपुर से दूसरी बार सांसद हैं और राजनीति में भी सक्रिय हैं। जौनपुर जिले के केराकत गांव के मूल निवासी रवि किशन ने अपने 33 वर्षों के लंबे फिल्मी संघर्ष में भोजपुरी, हिंदी और साउथ फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। हाल ही में उन्हें हिंदी फिल्म “लापता लेडीज” के लिए फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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समर्थकों की खुशी और बधाई

जैसे ही रवि किशन को “दादा साहब फाल्के” पुरस्कार मिलने की जानकारी मिली, उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग उन्हें फोन कर बधाई दे रहे हैं, जबकि कुछ उनके आवास पर भी पहुंचे। सांसद के पीआरओ पवन दुबे ने कहा कि रवि किशन ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए वर्षों की मेहनत और तपस्या की है।

फिल्मी करियर का सफर

19 वर्ष की उम्र में भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने वाले रवि किशन ने बाद में बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई। हिंदी फिल्म “हेरा फेरी 2” में उनकी विलेन की भूमिका को दर्शकों ने खूब पसंद किया। उन्होंने अब तक लगभग 200 फिल्मों में काम किया है, जो भोजपुरी सिनेमा के लिए एक रिकॉर्ड है।

पुरस्कार को लेकर रवि किशन की प्रतिक्रिया

रवि किशन ने कहा कि यह पुरस्कार उनके माता-पिता के आशीर्वाद, समर्थकों के प्यार और गुरु गोरखनाथ बाबा के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उन्हें बेहतर करने और समाज के लिए योगदान देने की प्रेरणा देता है।

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रवि किशन की यह उपलब्धि उनके लंबे संघर्ष, मेहनत और समर्पण का परिणाम है। राजनीति और फिल्मों में सक्रिय रहते हुए उन्होंने अपनी पहचान बनाई है और अब “दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” पुरस्कार से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके फिल्मी करियर की बल्कि उनकी मेहनत और लगन की भी पहचान है।

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