Lucknow News: प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) को लैब इंफार्मेशन सिस्टम (LIS) से जोड़ा है। इस व्यवस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को आसानी से उनकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा अब सभी सरकारी अस्पतालों में लागू की जा रही है। जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक आसानी होगी।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का समर्थन
यह पहल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई है। जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को डिजिटल बनाना और लोगों को उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी को आसानी से उपलब्ध कराना है। पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड पोर्टल (PHR) के माध्यम से मरीजों को उनकी रिपोर्ट्स सीधे उनके मोबाइल एप या पोर्टल पर मिलेंगी। इससे मरीजों को अस्पतालों में बार-बार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे कहीं से भी अपनी रिपोर्ट्स चेक कर सकेंगे।
कैसे मिलेगी जांच रिपोर्ट?
मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद उनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। इसके साथ एक लिंक भेजा जाएगा। जिससे मरीज अपनी रिपोर्ट को सीधे देख और डाउनलोड कर सकेंगे। इसके अलावा यह रिपोर्ट व्हाट्सएप पर भी भेजी जाएगी, ताकि मरीजों को रिपोर्ट के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इस कदम से मरीजों के लिए रिपोर्ट प्राप्त करना और उनका समय बचाना आसान हो जाएगा।
अस्पतालों में डिजिटल सुधार
स्वास्थ्य विभाग के सचिव रितु माहेश्वरी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच रिपोर्ट को हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन सिस्टम (HIS) के माध्यम से सीधे संबंधित डॉक्टर के पास भेजा जाएगा। इसके बाद, डॉक्टर मरीज के इलाज के लिए तुरंत रिपोर्ट का उपयोग कर सकेंगे। इससे अस्पतालों में काम की गति तेज होगी और मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।
सुविधा का विस्तार और भविष्य की योजनाएं
यह नई व्यवस्था पहले लखनऊ जैसे बड़े शहरों में शुरू की गई थी, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। आने वाले समय में इसे प्राइवेट अस्पतालों और निजी क्लिनिक्स में भी लागू करने की योजना है, ताकि मरीजों को और भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इस कदम से प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई डिजिटल क्रांति आएगी, जो मरीजों के लिए उपयोगी और सुविधाजनक होगी।
रिपोर्ट्स के साथ मिलेंगे अलर्ट और सलाह
यह सुविधा सिर्फ रिपोर्ट देने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि मरीजों को उनकी जांच के आधार पर कुछ अलर्ट्स और स्वास्थ्य सलाह भी भेजी जा सकती है। इसके जरिए मरीजों को उनके स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी समस्या को जल्दी पहचानने और उस पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

