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Fatehpur Farmer Problem: फतेहपुर में किसानों ने किया आंदोलन का ऐलान, जानिए क्या है पूरा मामला

फतेहपुर जनपद के असोथर क्षेत्र में किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए क्या है पूरा मामला
Post Published By: Sapna Srivastava
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Fatehpur Farmer Problem: फतेहपुर में किसानों ने किया आंदोलन का ऐलान, जानिए क्या है पूरा मामला

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के असोथर क्षेत्र में स्थित सुजानपुर रजबहे की नहर पर बना पुल पूरी तरह से टूट चुका है, जिससे इलाके के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल असोथर बस स्टॉप के पास स्थित है और वर्षों से इस क्षेत्र के किसानों के लिए मुख्य सिंचाई माध्यम रहा है। अब इसके क्षतिग्रस्त होने से रजबहे की टेल तक पानी नहीं पहुँच पा रहा है, जिससे धान की रोपाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

क्या है परेशानी

पुल के टूटने के बाद प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सिर्फ एक ढोला (लकड़ी और मिट्टी से बना अस्थायी पुल) डाला गया है, जो न तो स्थायी है और न ही उपयोग में सुरक्षित। इससे होकर ट्रैक्टर, बैलगाड़ी या अन्य भारी वाहन नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे न केवल सिंचाई बाधित हो रही है, बल्कि किसानों की रोजमर्रा की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है।

इस समस्या को लेकर किसानों में गहरा रोष व्याप्त है। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। भाकियू के असोथर ब्लॉक महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यदि जल्द ही नहर पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं कराया गया, तो यूनियन 21 जून को जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करेगी।

फतेहपुर में पुल टूटा

उन्होंने कहा, “यह केवल पुल की समस्या नहीं है, यह किसानों की आजीविका से जुड़ा प्रश्न है। अगर धान की रोपाई समय पर नहीं हुई, तो पूरे वर्ष की फसल चौपट हो जाएगी। प्रशासन को चेतावनी देते हैं कि यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।”

किसानों का बयान

क्षेत्रीय किसान राम नरेश यादव और गंगाराम निषाद ने बताया कि उन्होंने कई बार सिंचाई विभाग और तहसील प्रशासन को आवेदन दिया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि पहले जहाँ नहर के पानी से टेल तक खेत लहलहाते थे, अब वहाँ सूखा पड़ा है और किसान चिंतित हैं।

इस गंभीर स्थिति पर अभी तक संबंधित विभाग या अधिकारियों की कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों और किसानों की मांग है कि स्थायी पुल का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए और अस्थायी ढोले की जगह मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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