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CRPF जवान की ड्यूटी पर हृदय गति रुकने से निधन, नगवाईं गांव में हजारों ने दी अंतिम विदाई

नगवाईं गांव के सीआरपीएफ हवलदार राजेश कुमार यादव का ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से झारखंड के चाईबासा में निधन हो गया।जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो हर आंख नम थी। हजारों लोगों की मौजूदगी में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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CRPF जवान की ड्यूटी पर हृदय गति रुकने से निधन, नगवाईं गांव में हजारों ने दी अंतिम विदाई

Etah: देश की सेवा में समर्पित जवान कभी मरते नहीं, वे अमर हो जाते हैं। एटा जिले के जलेसर तहसील क्षेत्र के नगवाईं गांव का बेटा सीआरपीएफ हवलदार राजेश कुमार यादव भी ऐसा ही एक उदाहरण बन गया। ड्यूटी पर रहते हुए झारखंड के चाईबासा जिले में 8 नवंबर की सुबह उनकी हृदय गति रुकने से मौत हो गई। शनिवार सुबह करीब 5 बजे हुई इस खबर ने पूरे गांव और जिले को शोक में डुबो दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रविवार देर रात जब राजेश कुमार का पार्थिव शरीर नगवाईं गांव पहुंचा, तो हर आंख नम थी। गांव की गलियां तिरंगे और फूलों से सजाई गई थीं। जैसे ही तिरंगे में लिपटा राजेश का शव गांव में दाखिल हुआ, तो चारों ओर से एक ही आवाज गूंज उठी, भारत माता की जय”, “राजेश अमर रहें” और “जब तक सूरज-चांद रहेगा, राजेश तेरा नाम रहेगा।”

गांव के लोग अपने इस वीर सपूत को आखिरी बार देखने उमड़ पड़े। हर कोई गर्व और दुःख से भरा हुआ था। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं अपने लाडले जवान को सलामी देते हुए कह रहे थे कि “राजेश ने देश के लिए प्राण दिए हैं, वह अमर है।”

सीआरपीएफ की सलामी 

अंतिम संस्कार के दौरान पूरा गांव सैनिक अनुशासन और देशभक्ति की भावना से भरा था। मौके पर एसडीएम भावना विमल, सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार संदीप सिंह, नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल, थाना प्रभारी अमित कुमार तोमर सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेसीआरपीएफ की टुकड़ी ने राजेश कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम सम्मान दिया। गांव के हजारों लोगों की मौजूदगी में राजेश को नम आंखों से विदाई दी गई।

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एक दिन की ड्यूटी, फिर मौन हो गया जवान

परिजनों के अनुसार, राजेश कुमार वर्ष 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और वर्तमान में छोटानागरा कैंप, चाईबासा (झारखंड) में तैनात थे। वे 3 नवंबर को अपने गांव आए थे, बड़े भाई स्वर्गीय विजयपाल सिंह की नातिनी की शादी में शामिल होने। इसके बाद,  4 नवंबर को वे पुनः ड्यूटी पर रवाना हुए और 6 नवंबर को कैंप पहुंचे। 7 नवंबर की रात उन्होंने नियमित ड्यूटी की, लेकिन 8 नवंबर की सुबह 5 बजे साथियों ने उन्हें मृत अवस्था में पाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हुई।

परिवार का सहारा छिन गया

राजेश कुमार अपने पीछे चार बेटे, तीन पोते और दो पोतियाँ छोड़ गए हैं। परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके बेटे अनकूल यादव (रिंकू) ने भावुक होकर कहा, पापा हमेशा कहते थे कि वर्दी पहनना आसान नहीं, लेकिन देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।” परिवार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे, लेकिन गर्व इस बात का है कि उन्होंने देश की मिट्टी के लिए अपने जीवन का हर पल समर्पित किया।

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नेताओं और क्षेत्रवासियों की उपस्थिति

अंतिम संस्कार में पूर्व विधायक रणजीत सुमन, भू देवी यादव (बीजेपी ब्लॉक प्रमुख), अशोक यादव (ब्लॉक प्रतिनिधि), रामकिशन यादव (पूर्व जिला पंचायत सदस्य, सपा), जितेंद्र यादव (बसपा जिला पंचायत प्रत्याशी), ग्राम प्रधान देवेश यादव, अमित यादव (प्रधान प्रत्याशी), मुकेश यादव, दामोदर सिंह यादव, और ग्राम पंचायत अधिकारी सत्येंद्र यादव समेत क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। हर किसी ने राजेश की शहादत को नमन किया और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। गांव के युवाओं ने कहा कि वे राजेश की राह पर चलकर देश सेवा को समर्पित रहेंगे।

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