महराजगंज: ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पंचायती राज विभाग ने भुगतान प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब ग्राम पंचायतों के खातों से केवल डोंगल के जरिए भुगतान नहीं हो सकेगा। इसके लिए ग्राम प्रधान और सचिव को अनिवार्य रूप से फेस स्कैनिंग करानी होगी। यह नई व्यवस्था पूरे जिले की 882 ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अब तक की व्यवस्था में कई बार यह देखने को मिला था कि प्रधान या सचिव कहीं और रहते हुए डोंगल किसी और को देकर भुगतान की प्रक्रिया पूरी करवा लेते थे। इससे भुगतान प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। नई व्यवस्था के अनुसार, डोंगल और फेस स्कैनिंग दोनों अनिवार्य कर दिए गए हैं।
इसके साथ ही, जियोफेंसिंग तकनीक के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भुगतान केवल पंचायत सचिवालय से ही किया जाए। यानी प्रधान या सचिव को पंचायत भवन में मौजूद रहकर ही प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि कोई व्यक्ति अन्यत्र स्थान से लॉगिन कर भुगतान करने का प्रयास करेगा, तो सिस्टम उस लोकेशन को अस्वीकार कर देगा और भुगतान प्रक्रिया स्वतः ही निरस्त हो जाएगी। इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ेगी।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर यह नई प्रणाली लागू की जा रही है, जिससे गेटवे आधारित भुगतान प्रणाली को बंद कर दिया जाएगा। इससे ना सिर्फ गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं के तहत आने वाले धन का सही और नियोजित उपयोग सुनिश्चित होगा।
इस नई व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा ने डाइनामाइट न्यूज़ से बताया कि सभी ग्राम प्रधानों और सचिवों को फेस स्कैनिंग आधारित भुगतान प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें किसी प्रकार की तकनीकी असुविधा का सामना न करना पड़े।
यह बदलाव ग्राम पंचायत व्यवस्था में एक नई तकनीकी पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि शासन की योजनाओं का लाभ समय पर और सही पात्र तक पहुंचेगा।