New Delhi: देशभर के रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट, कैफे और शॉपिंग मॉल में मुफ्त पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी चेतावनी आई है। टेक दिग्गज गूगल ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट “Android: Behind the Screen” में कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई पर अनवॉचेड एक्टिविटी साइबर क्रिमिनल्स के लिए बढ़ा खतरा बन चुकी है।
सार्वजनिक वाई-फाई पर क्या खतरा है?
गूगल के अनुसार अनसिक्योर्ड पब्लिक नेटवर्क (जिसमें एन्क्रिप्शन न हो) साइबर अपराधियों को मनमाने मध्यस्थ (man-in-the-middle) हमलों, फेक-हॉटस्पॉट या पैकेट-स्निफिंग के जरिए संवेदनशील डाटा चुराने का मौका देता है। बैंक लॉग-इन, पैसवर्ड, क्रेडिट-कार्ड डिटेल और प्राइवेट मैसेजिंग ये सब असुरक्षित कनेक्शन पर एक्सपोज़ हो सकते हैं।
क्या न करें
गूगल ने साफ कहा है कि पब्लिक वाई-फाई पर निम्न काम बिल्कुल न करें:
- बैंकिंग और वित्तीय ट्रांजैक्शन।
- ऑनलाइन शॉपिंग या भुगतान।
- ई-मेल/सोशल अकाउंट पर संवेदनशील लॉग-इन।
इसके अलावा कंपनी ने सुझाव दिया है: ऑटो-कनेक्ट सेटिंग बंद रखें, किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट करने से पहले उसमें एन्क्रिप्शन (HTTPS) वर्क कर रहा है या नहीं चेक करें और संभव हो तो वैलिड वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें।
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साइबर फ्रॉड का आर्थिक प्रभाव
गूगल ने रिपोर्ट में यह भी चेताया है कि मोबाइल-आधारित फ्रॉड अब एक व्यवस्थित ग्लोबल इंडस्ट्री बन चुकी है। कंपनी के अनुमान के मुताबिक पिछले एक साल में साइबर क्राइम से दुनिया भर में लगभग $400 बिलियन का आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसका बहुत छोटा हिस्सा ही रिकवर हो पाया। फ्रॉड के तरीके अब औद्योगिकीकरण के स्तर पर हैं चोरी किए गए फोन नंबर खरीदना, फेक डिलीवरी-अलर्ट भेजना, स्मिशिंग-और फ़िशिंग कैंपेन चलाना आदि।
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उपयोगकर्ताओं के लिए प्रैक्टिकल टिप्स
- सार्वजनिक वाई-फाई पर संवेदनशील काम टालें।
- फोन और ऐप्स को अपडेट रखें; OS-level सुरक्षा पैच इंस्टॉल करें।
- दो-कदम वाला प्रमाणीकरण (2FA) सक्रिय रखें।
- अनजान वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ते समय ब्राउज़र में साइट का HTTPS प्रमाणपत्र अवश्य चेक करें।
- अधिक सुरक्षा के लिए भरोसेमंद VPN सेवा का उपयोग करें।

