Mobile Call Drop Cases: मोबाइल पर कॉल ड्रॉप से आपका भी होता होगा सामना, पढ़िये ये रिपोर्ट और जानिये स्थिति

डीएन ब्यूरो

दूरसंचार कंपनियों के लिए राज्य स्तर पर कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप के आंकड़े देना मुश्किल है, क्योंकि इसमें कई प्रशासनिक और जमीनी स्तर की ‘कठिनाइयां’ शामिल हैं। मोबाइल परिचालकों के निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को यह बात कही।

कॉल ड्रॉप बनती जा रही आम समस्या
कॉल ड्रॉप बनती जा रही आम समस्या


नई दिल्ली: दूरसंचार कंपनियों के लिए राज्य स्तर पर कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप के आंकड़े देना मुश्किल है, क्योंकि इसमें कई प्रशासनिक और जमीनी स्तर की ‘कठिनाइयां’ शामिल हैं। मोबाइल परिचालकों के निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को यह बात कही।

निकाय ने कहा कि इसकी जगह एलएसए (लाइसेंस सेवा क्षेत्र) रिपोर्टिंग जारी रहनी चाहिए।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पिछले सप्ताह एक समीक्षा बैठक में दूरसंचार ऑपरेटरों से राज्यस्तर पर भी कॉल ड्रॉप के आंकड़े बताने को कहा था। सेवा गुणवत्ता के मुद्दों और उपभोक्ता शिकायतों के बढ़ते मामलों के बीच यह आदेश दिया गया।

सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि ट्राई से इस कदम पर ‘पुनर्विचार’ करने और एलएसए के आधार पर रिपोर्टिंग जारी रखने का आग्रह किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं।

कोचर ने कहा कि दूरसंचार परिचालक ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, लेकिन राज्यवार कॉल ड्रॉप के आंकड़े देने में कई प्रशासनिक समस्याएं हैं। साथ ही इसमें लागत और समय जैसे पहलू भी शामिल हैं।










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