क्यों मनाया जाता है होली का त्योहार..जानिये इतिहास
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली उन त्यौहारों में से है जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के गुलाल लगाते हैं और मिठाई खाकर इस त्यौहार को मनाते हैं।
![प्रतीकात्मक फोटो](https://static.dynamitenews.com/images/2020/03/09/why-holi-festival-is-celebrated-know-from-its-history/5e66444770197.jpeg)
नई दिल्ली: होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली उन त्यौहारों में से है जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के गुलाल लगाते हैं और मिठाई खाकर इस त्यौहार को मनाते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्यों मनाया जाता है होली का त्योहार और क्या है इसके पीछे की मान्यता।
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पौराणिक कथाओं के मुताबिक राक्षस प्रवृत्ति वाला हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान के प्रति भक्ति को देखकर बहुत परेशान था। उसने प्रह्लाद का ध्यान ईश्वर से हटाने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली।
बेटे द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज उस राजा ने अपने बेटे को मारने का निर्णय किया। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी। उनकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद सारा समय भगवान विष्णु का नाम लेता रहा और बच गया पर होलिका जलकर राख हो गई। होलिका की ये हार बुराई के नष्ट होने का प्रतीक है।
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