‘वोटों के ठेकेदार’ नहीं चाहते कि मुसलमान समावेशी विकास का हिस्सा रहें

डीएन ब्यूरो

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि ‘हावी होने की जंग नहीं, बल्कि सहभागी होने का जज्बा’ विकास के रास्ते पर ले जाता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी


नयी दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि ‘हावी होने की जंग नहीं, बल्कि सहभागी होने का जज्बा’ विकास के रास्ते पर ले जाता है।

उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए यह दावा भी किया कि ‘मुस्लिम वोटों के ठेकेदार’ नहीं चाहते कि मुसलमान देश के समावेशी विकास का हिस्सा रहें।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नकवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हावी होने की जंग नहीं, सहभागी होने का जज्बा विकास और विश्वास के रास्ते पर ले जाता है। इस बात की खुशी है कि आम मुसलमानों में हावी होने की जंग नहीं, बल्कि सहभागी होने का जज्बा है। इसी का नतीजा है कि दुनिया में रहने वाले हर 10 मुसलमानों में से एक मुसलमान हिंदुस्तान में रह रहा है। उसके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या आम मुसलमानों की नहीं है, समस्या मुस्लिम वोटों के ठेकेदारों और जागीरदारों की है। ये लोग मुसलमानों को समावेशी विकास और समाज का हिस्सेदार नहीं रहने देना चाहते। लेकिन आज माहौल और मूड बदला है। इस वजह से मुस्लिम वोटों के ठेकेदारों और जागीरदारों की दुकानों में तालाबंदी हो गई है।’’

उल्लेखनीय है कि भागवत ने ‘ऑर्गनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ को दिए साक्षात्कार में कहा है, “सीधी सी बात है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है... इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। लेकिन मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।”










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