विजय दिवस: बीएसएफ ने 1971 की लड़ाई की जीत की याद में दिल्ली में पहले परेड आयोजित किया
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की याद में शनिवार को यहां पहले ‘विजय दिवस परेड’ का आयोजन किया। इस मुक्ति संग्राम में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की याद में शनिवार को यहां पहले ‘विजय दिवस परेड’ का आयोजन किया। इस मुक्ति संग्राम में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बीएसएफ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि बल के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली में सीमा प्रहरी बल के छावला कैंप में रस्मी परेड की सलामी ली तथा शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह पहला मौका है जब बीएसएफ ने बल स्तर (केंद्रीय स्तर) पर पूर्ण ‘विजय दिवस परेड’ आयोजित किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पहले संबंधित बटालियन और इकाइयां अपने उन कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिये अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करती थीं, जिन्होंने 1971 की लड़ाई के दौरान अपनी जान कुर्बान की।
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‘एक्स’ पर किये गये पोस्ट में कहा गया है कि ‘‘बांग्लादेश मुक्तिसंग्राम के दौरान बीएसएफ द्वारा दिये गये योगदान को याद करने तथा बांग्लादेश के मुक्ति पर केंद्रित 1971 की इस लड़ाई में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए’’ श्रद्धांजलि दी गयी।
वर्ष 1971 में 16 दिसंबर को पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक फौजियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था, और भारत की शानदार जीत हुयी थी । इस युद्ध के बाद दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था।
भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाता है। इस युद्ध में बीएसएफ ने अहम भूमिका निभायी थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2021 में इस युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ पर कहा था, ‘‘सीमा सुरक्षा बल ने बांग्लादेश की मुक्ति में अहम भूमिका निभायी थी’’ तथा देश उन अधिकारियों एवं जवानों को सलाम करता है जिनके दृढ़ निश्चय एवं साहस ने 1971 में इतिहास रचा था।
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सन 2013 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक दिसंबर को बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया था और याद किया था कि उनके पिता दिवंगत जगजीवन राम बीएसएफ के बारे में क्या कहा करते थे।
कुमार ने छावला कैंप में कहा था, ‘‘सन् 1971 में जब बांग्लादेश मुक्ति संग्राम हुआ था तब मेरे पिता रक्षा मंत्री थे और वह कहा करते थे, ‘यदि सेना का इस युद्ध में योगदान है तो उसमें बीएसएफ की भूमिका कम नहीं है।’ वह आपकी वीरता एवं पराक्रम के बहुत बड़े प्रशंसक थे।’’
आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार इस लड़ाई में बीएसएफ के 125 कर्मियों ने शहादत थी तथा 392 घायल हो गये थे एवं 133 लापता बताये गये थे।