Uttarakhand Temple: उत्तराखंड में है न्याय के रहस्यमय देवता, ये है मंदिर की खास मान्यता

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के इस अनोखे मंदिर में आस्था और विश्वास का जो माहौल है, वह पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गोलू देवता मंदिर
गोलू देवता मंदिर


उत्तराखंड: देवभूमि कहलाने वाला उत्तराखंड न सिर्फ अपने सुरम्य हिल स्टेशनों के लिए मशहूर है, बल्कि यहां के मंदिर भी अनोखी मान्यताओं और आस्थाओं के प्रतीक हैं। इन्हीं मंदिरों में अल्मोड़ा जिले में स्थित एक खास मंदिर है, जहां लोग अपनी फरियाद लेकर जाते हैं।

इस मंदिर की खासियत यह है कि लोग यहां अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद लेकर आते हैं और इन्हें न्याय का देवता माना जाता है। इस मंदिर का नाम गोलू देवता मंदिर है।

गोलू देवता मंदिर का इतिहास

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, गोलू देवता मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है, और यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव और कृष्ण के एक अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। गोलू देवता को गौर भैरव के रूप में पूजा जाता है, और यहां आने वाले भक्त अपनी समस्याओं का समाधान मांगते हैं।

यह भी पढ़ें | Travel News: गर्मी से राहत पाने के लिए चुनें भारत के ये टॉप हिल डेस्टिनेशन्स

विशेष बात यह है कि यहां लोग मुरादों के लिए नहीं, बल्कि अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते हैं। भक्त अपनी शिकायतों को कागज या स्टाम्प पेपर पर लिखकर मंदिर में चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि गोलू देवता के आशीर्वाद से भक्तों की समस्याएं हल हो जाती हैं और उनका जीवन सामान्य हो जाता है।

गोलू देवता मंदिर की विशिष्ट परंपराएं

इस मंदिर में एक अनोखी परंपरा है जहां भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के बाद मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं। मंदिर परिसर में हजारों घंटियां लटकी हुई हैं, जो यह बताती हैं कि कितने भक्तों की इच्छाएं पूरी हुई हैं। नवरात्रि के समय इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है, और इस दौरान मंदिर की रौनक और भी बढ़ जाती है। हर आकार की घंटियों का लटकना और उनकी आवाज मंदिर के शांत वातावरण में एक विशेष अनुभव पैदा करती है।

कैसे पहुंचे गोलू देवता मंदिर

यह भी पढ़ें | Train Travel vs Flight Travel: किसे चुनें? जानिए फायदे और नुकसान

गोलू देवता मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप पहले नैनीताल पहुंचें। नैनीताल जाने के लिए आप ट्रेन से काठगोदाम स्टेशन तक पहुंच सकते हैं, जो उत्तर भारत के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम स्टेशन से आप बस, टैक्सी या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के माध्यम से गोलू देवता मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

यदि आप दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं, तो आनंद विहार से सीधी बस अल्मोड़ा के लिए मिलती है। इसके अलावा, दिल्ली से हल्द्वानी की बस भी ली जा सकती है, और वहां से अल्मोड़ा के लिए गाड़ी ली जा सकती है।

गोलू देवता मंदिर का महत्व

गोलू देवता मंदिर में आस्था रखने वाले लोग मानते हैं कि यहां के देवता उनके जीवन की समस्याओं को दूर करते हैं और उन्हें न्याय प्रदान करते हैं। यह मंदिर एक खास स्थान रखता है, जहां भक्त अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं और यहां की विशेष परंपराएं उनके विश्वास को और मजबूत करती हैं। गोलू देवता की उपासना को लेकर मान्यता है कि भक्त जब भी किसी बड़ी समस्या का सामना करते हैं, तो इस मंदिर में जाने से उन्हें मानसिक शांति मिलती है और समस्या का समाधान होता है।










संबंधित समाचार