देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ के पास रविवार को ग्लेशियर फटने से मची तबाही के बाद रेसक्यू ऑपरेशन जारी है।इस घटना में बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूरों समेत 170 लोग अब भी लापता है। घटना में हताहतों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। अब तक अलग-अलग स्थानों से कुल 14 शव बरामद किये जा चुके हैं जबकि टनल समेत अलग-अलग जगहों पर फंसे लगभग दो दर्जन लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। जानिये घटना से जुड़ा ताजा अपडेट
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से तपोवन के स्थानीय लोगों ने बातचीत में बताया कि इस घटना में बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूर अब भी लापता है। ग्रामीणों का कहना है कि एनटीपीसी समेत ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं, जिसमें स्थानीय लोगों समेत देश के अन्य प्रांतों के लोग भी शामिल हैं। लेकिन रविवार को छुट्टी होने की वजह से घटना के दिन यानि कल इन दोनों परियोजनाओं में काम करने वाले लोगों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि रविवार न होता तो ग्लेशियर से मची तबाही का मंजर और हताहत होने वाले लोगों की संख्या लगभग दोगुनी हो सकती थी। रविवार को छुट्टी के कारण इन दोनों परियोजनाओं में ध्याड़ी-मजदूरी समेत अन्य काम करने वाले कई लोग ग्लेशियर और तबाही की चपेट में आने से बच गये। ग्रामीणों के मुताबिक अब भी हताहतों की संख्या बताये जा रहे आंकड़ों से कई अधिक हो सकती है।
चमोली पुलिस का कहना है कि सोमवार सुबह एक बार फिर से तपोवन सुरंग के पास रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है। यहां बड़ी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मलबे, पत्थरों को हटाया जा सके। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर रास्ता बनाया जा रहा है। ऑपरेशन में सेना के इंजीनियर भी लगे हुए हैं। अभी तक कुल 14 शवों को अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये है। जबकि सुरंग में कुल 15 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी ITBP के मुताबिक एक सुरंग में करीब 30 लोग फंसे हैं। 300 जवानों को टनल साफ करने में लगाया गया है, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि करीब 170 लोग लापता हैं। बीते दिन 16 लोग जो बचाए गए हैं, वो एक दूसरी टनल थी।

