Joshimath Sinking: सीएम धामी ने लिया जोशीमठ भूधंसाव का जायजा, प्रभावितों को हर संभव मदद का दिया आश्वासन

डीएन ब्यूरो

भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ में स्थिति का जायजा ले रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद करेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जोशीमठ में अफसरों के साथ बैठक करते सीएम धामी
जोशीमठ में अफसरों के साथ बैठक करते सीएम धामी


देहरादून/जोशीमठ: भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ में स्थिति का जायजा ले रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद करेगी ।

बुधवार दोपहर बाद जोशीमठ पहुंचे धामी ने देर रात तक राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की, साथ ही व्यवस्थाओं ​का जायजा भी लिया ।

जोशीमठ में प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना से दिन की शुरूआत करने के बाद धामी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार प्रभावितों के साथ है और सभी अधिकारियों को लोगों को हर संभव मदद देने के आदेश दिए गए हैं ।

चमोली, कर्णप्रयाग सहित अन्य स्थानों में भी भवनों में दरारें आने के संबंध में पूछे जाने पर धामी ने कहा ‘‘उन सभी पर पहले से काम किया जा रहा है।’’

जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के तौर पर चिह्नित किया गया है जिनमें से अब तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में भेजा गया है ।

इस बीच, जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए अंतरिम पैकेज के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित करने को लेकर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है ।

खुराना ने बताया कि जोशीमठ में खतरनाक भवनों को हटाने के लिए रूडकी स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की मदद ली जा रही है और उनके चिह्नीकरण और तकनीकी मार्गदर्शन में यह कार्य हो रहा है।

उन्होंने कहा कि खतरनाक भवनों का ध्वस्तीकरण लोगों को विश्वास में लेकर ही किया जाएगा और इसके लिए प्रभावित परिवारों के साथ बातचीत की जा रही है।

जोशीमठ में दो होटल-सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ दरारें आने के कारण एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं। होटलों को यांत्रिक तरीके से ढहाने का निर्णय किया गया है ।

हांलांकि, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने के लिए धरना प्रदर्शन के चलते यह कार्रवाई अभी शुरू नहीं हो पायी है ।










संबंधित समाचार