Uttar Pradesh: मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

डीएन ब्यूरो

कानपुर देहात जिले की एक विशेष अदालत ने तीन साल पहले मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी श्यामू बाजपेयी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विकास दुबे के सहयोगी को पांच साल की सजा
विकास दुबे के सहयोगी को पांच साल की सजा


कानपुर: कानपुर देहात जिले की एक विशेष अदालत ने तीन साल पहले मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी श्यामू बाजपेयी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बिकरू कांड के छह दिन बाद बाजपेयी को गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी करने का दोषी ठहराया गया।

उन्होंने बताया कि श्यामू बाजपेयी के खिलाफ कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक श्यामू बाजपेयी बिकरू कांड में घात लगाकर किए गए हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों को छुपाने का मुख्य आरोपी था।

अपर पुलिस उपायुक्‍त (पश्चिम) लाखन सिंह यादव ने बताया कि अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अमित मालवीय ने सोमवार को बाजपेयी पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना राशि जमा करने में विफल रहने पर तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई।

उन्होंने बताया कि विशेष न्‍यायाधीश (दस्‍यु प्रभावित क्षेत्र) की अदालत द्वारा बिकरू कांड से संबंधित मामलों में हत्या के प्रयास के लिए बाजपेयी को सुनाई गई यह पहली सजा है।

अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बाजपेयी को एक मामले में दोषी ठहराया गया था, जबकि उनके खिलाफ तीन मामले और लंबित हैं।

यादव ने बताया कि श्यामू बाजपेयी पर 25,000 रुपये का नकद इनाम घोषित था, उसको बिकरू कांड के छह दिन बाद ही चौबेपुर इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। यादव ने बताया कि बिकरू कांड के संबंध में अब तक 37 आपराधिक मामलों में आरोप तय किए जा चुके हैं।

अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बिकरू कांड के छह दिन बाद अपनी गिरफ्तारी के दौरान, भागने की असफल कोशिश में श्यामू बाजपेयी ने पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि श्यामू बाजपेयी घात लगाकर किए गए हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों को छुपाने का मुख्य आरोपी था।

जिला सरकार के वकील राजू पोरवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि गवाहों की गवाही और फोरेंसिक रिपोर्ट से श्यामू बाजपेयी को हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराने में मदद मिली।

अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बिकरू कांड में '41 आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे हैं, जबकि एक नाबालिग सहित सात आरोपियों को जमानत दे दी गई है।'

पुलिस ने 32 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया है, जबकि जेल में बंद 7 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) भी लगायी गई है।

जुलाई 2020 में कानपुर जिले के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस की टीम बिकरू निवासी कुख्यात माफिया विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर दबिश देने गई थी। पुलिस का आरोप है कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी करके उनकी हत्या कर दी थी।

पुलिस ने कहा था कि विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था जब उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। रास्ते में पुलिस का एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दुबे ने भागने की कोशिश की।

बिकरू कांड के बाद पुलिस द्वारा शुरू की गई व्यापक तलाशी के बाद, विकास दुबे के दो कथित सहयोगियों, प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को पुलिस ने कानपुर में एक मुठभेड़ में मार गिराया था। आठ जुलाई को पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी अमर दुबे को हमीरपुर जिले के मौदहा गांव में मार गिराया था। 9 जुलाई को, दूबे के दो और कथित सहयोगियों - कार्तिकेय उर्फ प्रभात और प्रवीण उर्फ बउवा दुबे - कानपुर और इटावा जिलों में अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे।










संबंधित समाचार