Uttar Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगाई कड़ी फटकार, जानिए पूरा मामला

देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर चिंता जाहिर की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 April 2025, 7:09 PM IST
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदलने की कार्यप्रणाली को कठघड़े में खडा किया और उनकी जमकर खिंचाई की। कोर्ट ने एक मामले में आपराधिक मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी और उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार और जांच अधिकारी को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सीजेआई संजय खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है, वह सरासर गलत है और कानून के शासन का ब्रेकडाउन है। 

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं डीजीपी से भी इस मामले में पहल करने के लिए कहूंगा। यह गलत है। हम इस मामले को पास ओवर कर रहे हैं, लेकिन अब जो भी मामला उत्तर प्रदेश में आएगा, हम पुलिस पर जुर्मान लगाएंगे।

बता दें कि यह पूरा मामला चेक बाउंस से जुड़ा है। पुलिस ने सिविल मुकदमे को आपराधिक मामले में तब्दील करने के बाद समन जारी किया था और चार्जशीट दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को बदलने के लिए रिश्वत ली।

सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदलने के सिस्टम के रवैये पर सख्त टिप्पणी की है। इसके साथ ही कोर्ट ने आगे से ऐसा मामला सामने आने पर पुलिस पर भी जुर्माना लगाने की वॉर्निंग दी है।

पिछले साल दिसंबर में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिविल विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में देखा जा रहा है। यहां लगातार सिविल विवाद को आपराधिक विवाद में बदला जा रहा है। यह गलत प्रथा है और ऐसा नहीं होना चाहिए।

चीफ जस्टिस ने कहा कि सिर्फ पैसे नहीं देने को अपराध नहीं बनाया जा सकता है। मैं जांच अधिकारी को गवाह के कटघरे में आने को कहूंगा। जांच अधिकारी को गवाह के कठघरे में खड़े होकर अपराध का मामला बनाने दें। यही सही रहेगा। आगे से इस तरह के किसी भी मामले के आने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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